आजमगढ़, उत्तर प्रदेश — आजमगढ़ जिले में एक विकलांग दंपत्ति ने प्रशासन की बेरुखी और बुनियादी सुविधाओं की कमी को उजागर करते हुए एक मार्मिक दृश्य पेश किया। अशोक कुमार नामक व्यक्ति ने अपनी विकलांग पत्नी को पीठ पर उठाकर जिलाधिकारी कार्यालय में प्रवेश किया, ताकि वे अपने घर से मुख्य सड़क तक संपर्क मार्ग बनवाने की मांग प्रशासन के समक्ष रख सकें।
अशोक कुमार ने बताया कि यह दूसरा मौका है जब वे इस मांग को लेकर अधिकारियों के पास पहुंचे हैं। उन्होंने जिलाधिकारी आजमगढ़ को एक लिखित आवेदन भी सौंपा है, जिसमें सड़क निर्माण की मांग की गई है। उनका कहना है कि उनके इलाके में संपर्क मार्ग न होने से उन्हें रोजमर्रा की आवाजाही में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है, खासकर जब दोनों शारीरिक रूप से अक्षम हों।
In UP's Azamgarh, a specially-abled couple could be seen entering the premises of district magistrate with husband Ashok Kumar carrying his wife on his back. The couple want a road connecting their house to the main road. pic.twitter.com/7a9NAG9rlA
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) July 22, 2025
हालांकि, दंपत्ति के पास एक मोटर चालित ट्राइसाइकिल है, लेकिन उस दिन उसकी बैटरी डाउन थी और कार्यालय के परिसर में बनी रैंप पर्याप्त रूप से उपयोगी नहीं थी। इस कारण वे उसका उपयोग नहीं कर सके। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब अशोक कुमार अपनी पत्नी को पीठ पर उठाकर कार्यालय में घुसे, तब भी कोई कर्मचारी मदद के लिए आगे नहीं आया।
अशोक कुमार ने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब मैं अधिकारियों से मदद मांग रहा हूं। मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि हमारे घर तक एक सड़क बना दी जाए, ताकि हम भी सम्मानजनक जीवन जी सकें और स्वतंत्र रूप से आ-जा सकें।"
यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और लोगों में प्रशासन की असंवेदनशीलता को लेकर गुस्सा साफ नजर आ रहा है। कई यूज़र्स ने डीएम कार्यालय के कर्मचारियों की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं और इस दंपत्ति के लिए जल्द से जल्द सड़क बनवाने की मांग की है।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया और मांगें
सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना को शर्मनाक करार दिया है। एक यूज़र ने ट्वीट किया, "यह बहुत दुखद है कि विकलांग लोग इस स्थिति में प्रशासन के पास गुहार लगाने को मजबूर हैं।"
लोगों ने इस दंपत्ति के लिए न सिर्फ संपर्क मार्ग की व्यवस्था करने की मांग की है, बल्कि मोटराइज्ड व्हीलचेयर या ट्राइसाइकिल भी उपलब्ध कराने की बात कही है।
भारत में विकलांगों के लिए चुनौतियां
आजमगढ़ की यह घटना कोई अपवाद नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया की 15% से अधिक आबादी किसी न किसी प्रकार की दिव्यांगता का सामना कर रही है। भारत में यह संख्या करोड़ों में है, जिन्हें सार्वजनिक सुविधाओं और व्यवस्थाओं तक पहुंचने में गंभीर बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 में दिव्यांगों के लिए समावेशी और सुलभ वातावरण की अनिवार्यता का उल्लेख है, लेकिन इसका क्रियान्वयन विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद कमजोर बना हुआ है।
प्रशासन की चुप्पी
इस घटना के वायरल वीडियो और शिकायत को लेकर अब तक जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन सोशल मीडिया पर बढ़ते दबाव और जनभावनाओं को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन जल्द ही आवश्यक कदम उठाएगा।