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झारखंड में 50 साल की महिला को 'डायन' बताकर किया गया अगवा, तांत्रिक ने किए टोटके – फिर 7 KM दूर जंगल में फेंका!

हजारीबाग, झारखंड: झारखंड के हजारीबाग ज़िले से अंधविश्वास और सामाजिक बर्बरता का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां 50 वर्षीय एक महिला को डायन बताकर सात लोगों के एक समूह ने उसके साथ काला जादू किया, उसके शरीर पर ब्लेड से कट लगाए, बाल मुंडवाए, निर्वस्त्र कर 7 किलोमीटर दूर एक बाज़ार में फेंक दिया।

पीड़िता का बेटा, जो बिहार में प्रवासी मज़दूर के रूप में काम करता है, ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा, “उन्होंने मेरी मां के बाल काटे, शरीर पर कई जगह ब्लेड से काटकर खून निकाला, तंत्र-मंत्र किया और जान से मारने की धमकी दी। वे हमारे घर से 20,000 रुपए भी ले गए और बाद में मुझे कॉल कर 1 लाख रुपए की मांग की, नहीं देने पर मां की हत्या कर शव फेंकने की धमकी दी।”

पुलिस ने पांच पुरुषों और दो महिलाओं की पहचान की है, जिनकी उम्र 40 से 55 वर्ष के बीच है। आरोपियों में से एक कोडरमा ज़िले से बुलाया गया ओझा (तांत्रिक) भी शामिल है, जिसने काले जादू की रस्में अंजाम दीं।

महीनों से चल रहा था आरोपों का सिलसिला

पीड़िता के बेटे ने बताया कि उसकी मां पर डायन होने के आरोप लंबे समय से लगाए जा रहे थे। उसने बताया, “शुरुआत छोटे-छोटे आरोपों से हुई—भैंस मर गई, कोई बीमार हो गया। फिर गांव में एक व्यक्ति की मौत हो गई और सबने मां पर उंगली उठाई कि वही जिम्मेदार है।”

इसके बाद गांव में एक पंचायत बुलाई गई, जिसमें महिला को दोषी ठहराया गया। बेटा कहता है, “2007 में पिता के निधन के बाद से मैं मां का अभिभावक हूं, लेकिन मुझे पंचायत के बारे में बताया तक नहीं गया।”

परिवार का आरोप है कि गांव के मुखिया और अन्य समुदाय के नेता इस पूरे घटनाक्रम को रोकने के बजाय चुपचाप तमाशा देखते रहे और भीड़ को मनमानी करने दी।

18 जुलाई की रात बना बर्बरता का गवाह

पीड़िता के अनुसार, 18 जुलाई की रात करीब 10 बजे सात लोग उनके घर में घुस आए। बहू को धमकी दी गई कि अगर उसने शोर मचाया तो जान से मार देंगे।

बेटे ने बताया, “घर के अंदर ही तांत्रिक क्रियाएं की गईं। मां की आंखों के नीचे, छाती, नाभि, उंगली और पैर की अंगुली पर ब्लेड से काटा गया। वे मां की ज़ुबान तक काटने की बात कर रहे थे।”

19 जुलाई की सुबह 3 बजे, उसे बिहार के गया ज़िले की एक पहाड़ी पर ले जाया गया, जहां उसे चिल्लाने के लिए मजबूर किया गया। बेटे का आरोप है, “उन्होंने धमकी दी कि अगर मां चिल्लाएगी नहीं तो उसे गांव में सरेआम पीटा जाएगा।”

24 घंटे बाद जंगलों से चलकर घर लौटी महिला

19 जुलाई रात 10 बजे, महिला को उसके गांव से 7 किमी दूर एक बाज़ार में फेंक दिया गया। वह जंगल के रास्ते पैदल चलकर आधी रात तक अपने घर पहुंची।

अगले दिन, 20 जुलाई को दोपहर 2 बजे बेटे ने उसे स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग रेफर कर दिया।

परिवार का कहना है कि आरोपी अब गांव के मुखिया के जरिए समझौता करने का दबाव बना रहे हैं।

पुलिस ने की एक गिरफ्तारी, अन्य आरोपी फरार

बरही थाना प्रभारी अभाष कुमार ने बताया कि, "अब तक एक आरोपी शंभू यादव को गिरफ्तार किया गया है। बाकी सभी— तांत्रिक सहित—फरार हैं। बाकी आरोपी अंडरग्राउंड हो गए हैं। हम लगातार छापेमारी कर रहे हैं। मामला गंभीर है। बीती रात भी सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन कोई नहीं मिला।”

उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक गांववालों की ओर से केस वापस लेने के लिए दबाव की कोई आधिकारिक जानकारी पुलिस को नहीं मिली है।

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