भोपाल। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के सरबई थाना क्षेत्र में एक दलित साधु पर त्रिशूल से जानलेवा हमला किए जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित साधु इंद्र बहादुर अहिरवार को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने साधु को उसी की त्रिशूल से तब तक मारा, जब तक वह बेहोश नहीं हो गया। घटना को लेकर गांव में आक्रोश का माहौल है।
क्या है पूरा मामला?
घटना सरबई थाना क्षेत्र के महोई खुर्द गांव की है। पीड़ित नागा साधु इंद्र बहादुर अहिरवार गांव के अंडी तालाब के पास स्थित एक आश्रम में रहते हैं और भजन-पूजन करते हैं। उन्होंने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत में बताया कि— “ गांव के ही निवासी छुट्टन पटेल मेरे पास चिकन बनाने के लिए बर्तन मांगने आया। मैंने यह कहकर इनकार कर दिया कि यह जगह पूजा-पाठ की है। अगले ही दिन जब मैं आश्रम से बाहर निकला, तो छुट्टन पटेल ने रास्ते में रोक लिया और मेरी ही त्रिशूल से मुझ पर हमला कर दिया।”
पीट-पीटकर अधमरा किया
साधु इंद्र बहादुर का कहना है कि आरोपी ने उन पर तब तक हमला किया, जब तक वह बेहोश नहीं हो गए। हमले में उनका कंधे से हाथ टूट गया है और कमर, पैर व कूल्हे में गंभीर चोटें आई हैं। शरीर पर कई जगह गहरे जख्म के निशान हैं।
पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि— “छुट्टन पटेल गांव के दबंग कृष्ण का आदमी है। शराब और मांस का आदी है। मैं एक साधु हूं, इसलिए मैंने जब उसका विरोध किया, तो उसने मुझ पर हमला कर दिया।”
पुलिस ने दर्ज किया मामला
घटना की जानकारी मिलते ही सरबई पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। आरोपी छुट्टन पटेल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) और अनुसूचित जाति जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस ने BNS धारा 296 धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का प्रयास धारा 115(2) जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचान धारा 315(2) – जानलेवा हमला SC/ST एक्ट की धारा 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(2)(व) – दलित पर नृशंस हमला और अपमान का मामला पुलिस ने दर्ज कर लिया है।
गाँव में तनाव का माहौल
घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। दलित संगठनों ने इस हमले को बेहद शर्मनाक बताते हुए आरोपी की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लिया है या नहीं।
भीम आर्मी प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार को घेरा
द मूकनायक से बातचीत में भीम आर्मी मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सुनील बैरसिया ने कहा कि यह घटना बेहद निंदनीय और दलित समाज के खिलाफ बढ़ती हिंसा का प्रतीक है। एक साधु, जो कि दलित समुदाय से है, उस पर त्रिशूल से हमला किया जाना दिखाता है कि किस तरह समाज में जातीय घृणा अब भी जिंदा है। यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि हमारे पूरे समाज और उसकी आस्था पर हमला है।
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में दलितों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं बची है। आए दिन अत्याचार हो रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। उन्होंने मांग की कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए और पीड़ित साधु को मुआवजा व सुरक्षा प्रदान की जाए, वरना भीम आर्मी छतरपुर में आंदोलन करेगी।