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MP: ऊर्जा मंत्री ने लिया एक महीने तक AC और पेट्रोल-डीजल वाहन छोड़ने का संकल्प, टेंट में रुकेंगे और ई-बाइक से करेंगे सफर, कांग्रेस ने बताया ‘दिखावा’

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छ, हरित और प्रदूषण मुक्त भारत’ के आह्वान को धरातल पर उतारने के लिए मध्यप्रदेश शासन के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एक अनोखा संकल्प लिया है। मंत्री ने घोषणा की है कि वे एक महीने तक न तो एसी का उपयोग करेंगे और न ही पेट्रोल-डीजल चालित किसी वाहन से सफर करेंगे। इसके बजाय वे ग्वालियर स्थित अपने सरकारी निवास के सामने पार्क में टेंट लगाकर रात्रि विश्राम करेंगे और शहर में आवागमन के लिए इलेक्ट्रिक बाइक का प्रयोग करेंगे।

ऊर्जा मंत्री का यह संकल्प न केवल प्रतीकात्मक है, बल्कि इसके माध्यम से वे आम नागरिकों को भी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनने और प्रदूषण कम करने की दिशा में व्यक्तिगत स्तर पर पहल करने का संदेश देना चाहते हैं।

टेंट में रात्रि विश्राम और सौर ऊर्जा से ई-बाइक चार्ज

मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा, “मैं इस एक महीने में अपने सरकारी निवास में एसी का उपयोग नहीं करूंगा। रात्रि विश्राम मैं पार्क में टेंट लगाकर करूंगा और आने-जाने के लिए सिर्फ ई-बाइक का उपयोग करूंगा। ई-बाइक की चार्जिंग सौर ऊर्जा से की जाएगी, ताकि यह पूरी तरह प्रदूषण रहित साधन बने।”

उन्होंने आगे कहा कि यह कदम केवल मेरे लिए नहीं है, बल्कि मैं इसके माध्यम से लोगों को प्रेरित करना चाहता हूं कि वे भी अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव कर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें।

प्रदूषण के दुष्परिणामों पर दी चेतावनी

ऊर्जा मंत्री ने प्रदूषण के प्रभावों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज वायु प्रदूषण के कारण अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, एलर्जी जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। जल प्रदूषण से डायरिया, हैजा, पीलिया जैसे रोग हो रहे हैं, वहीं ध्वनि प्रदूषण मानसिक तनाव और नींद की समस्याएं पैदा कर रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रदूषण के कारण ओजोन परत को नुकसान पहुंच रहा है, जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या गंभीर होती जा रही है। इसके चलते बर्फ के पहाड़ तेजी से पिघल रहे हैं और समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। मंत्री ने कहा कि साफ हवा, स्वच्छ पानी और सुरक्षित वातावरण का अभाव आज समाज को असंतुलन और तनाव की ओर धकेल रहा है।

नागरिकों से की पर्यावरण के प्रति जागरूक बनने की अपील

प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस संकल्प को एक ‘जन-जागरण अभियान’ बताया। उन्होंने कहा, “यह केवल एक महीने का अभियान नहीं है, यह एक मानसिकता को बदलने का प्रयास है। अगर हम सभी लोग थोड़े-थोड़े बदलाव करें, जैसे साइकिल का प्रयोग, ऊर्जा की बचत, पानी की बचत और सिंगल यूज़ प्लास्टिक का त्याग, तो मिलकर बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है।”

कांग्रेस ने उठाए सवाल, बताया "दिखावा"

जहां एक ओर ऊर्जा मंत्री के इस कदम की कुछ लोगों ने सराहना की, वहीं कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा ने एक स्थानीय समाचार पत्र से कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि मंत्रीजी के टेंट में रुकने और ई-बाइक चलाने से प्रदेश की असली समस्याओं का समाधान कैसे होगा? यह तो सिर्फ एक दिखावा है।”

उन्होंने आगे कहा कि आज राज्य में बिजली कटौती के चलते ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित है। बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे, उनकी परीक्षा और शिक्षा बाधित हो रही है। यह समय प्रतीकात्मक घोषणाओं का नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर ठोस समाधान का है।

सुनील शर्मा ने आरोप लगाया कि “भाजपा सरकार की प्रशासनिक असफलताओं से जनता त्रस्त है और ऐसे स्टंट्स से ध्यान भटकाने की कोशिश हो रही है। इस तरह के प्रयोगों से समस्या का समाधान नहीं होगा, इसके लिए नीति और नियत में बदलाव लाने की आवश्यकता है।”

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