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MP: रीवा के सरकारी अस्पताल में नाबालिग से गैंगरेप, आरोपियों में अस्पताल के कर्मचारी! पीड़िता के पिता ने की न्याय की मांग

भोपाल। मध्य प्रदेश के रीवा के संजय गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना सामने आई है। यह वारदात रविवार-सोमवार की रात को हुई, जिसमें आरोप है कि अस्पताल के ही तीन आउटसोर्स कर्मचारी—दो वार्ड बॉय और एक गार्ड—ने अस्पताल के ईएनटी विभाग और किचन के बीच बने एक सुनसान गलियारे में नाबालिग से रेप किया। फिलहाल न तो पीड़िता ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है और न ही पुलिस ने एफआईआर की पुष्टि की है, जिससे पूरे मामले को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

रीवा के एसपी विवेक सिंह ने बताया कि इस घटना की जानकारी अपुष्ट स्रोतों से मिली है, लेकिन अभी तक पीड़िता या उसके परिवार की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

पीड़िता के पिता का दर्द

इस बीच पीड़िता के पिता ने एक स्थानीय समाचार पत्र से बात करते हुए कहा, "मेरी बेटी के साथ गलत हुआ है। आरोपी का नाम महेंद्र तिवारी है। उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए और कड़ी सजा मिले। अगर सरकार कार्रवाई नहीं कर सकती तो उसे मेरे हवाले कर दें, मैं खुद सजा दूंगा।"

उन्होंने बताया कि वे छत्तीसगढ़ से रीवा लौट रहे हैं। पुलिस ने पहले उनके घर आकर पूछताछ की और अब उन्हें रात में गोविंदगढ़ रेस्टहाउस में बयान देने के लिए बुलाया गया है। वायरल हो रहे एक ऑडियो क्लिप में पीड़िता के परिवार पर दबाव बनाने का आरोप भी सामने आया है।

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने कहा: "हमें जानकारी मिली कि दो लोगों ने बच्ची के साथ ज्यादती की। उसे गंभीर हालत में गायनी वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां उसे प्राथमिक उपचार दिया गया। बाद में वह अस्पताल से चली गई। हमने सारे साक्ष्य पुलिस को सौंप दिए हैं।"

डॉ. मिश्रा ने बताया कि पीड़िता अपनी मां के साथ आई थी, जो ईएनटी वार्ड में भर्ती थीं। लड़की बतौर अटेंडर मां के साथ ठहरी थी।

CCTV फुटेज बना अहम सुराग

एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें स्ट्रेचर पर एक लड़की को ले जाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि वही पीड़िता है और उसे ले जाने वाले व्यक्ति आरोपी कर्मचारी हैं। इसके बाद आरोपी उसे अस्पताल के दूसरे विभाग के सामने छोड़कर भाग गए।

कांग्रेस ने उठाये सवाल

इस मामले पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, "रीवा के सरकारी अस्पताल में नाबालिग से गैंगरेप की खबर प्रदेश के जंगलराज की पुष्टि करती है। यह वही अस्पताल है, जो उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल का गृह क्षेत्र है। अस्पताल अधीक्षक राहुल मिश्रा उपमुख्यमंत्री का भांजा है। पूरा मामला दबाया जा रहा है। पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है।"

पटवारी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या इसलिए पीड़िता को रेस्टहाउस बुलाकर बयान दर्ज कराने का दबाव बनाया जा रहा है?

सामाजिक संगठनों का आक्रोश

इस घटना के उजागर होते ही रीवा में आक्रोश फैल गया है। महिला अधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और अस्पताल में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

बाल आयोग ने लिया संज्ञान, एसपी से मांगा प्रतिवेदन

इस मामले में राज्य बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। द मूकनायक से बातचीत में आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर पूरे मामले की जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा है।

उन्होंने कहा, "जैसे ही हमें एसपी की ओर से रिपोर्ट प्राप्त होगी, आयोग उस आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा। बच्चों के साथ कोई भी अन्याय या शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

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