भोपाल। राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसके बच्चों को पढ़ाने वाले होम ट्यूटर ने न केवल उसका आपत्तिजनक वीडियो बनाया, बल्कि वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर कई बार उसका यौन शोषण भी किया। आरोपी इतना साहसी हो गया था कि बदनामी का डर दिखाकर महिला से पैसों की मांग भी करने लगा।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पीड़िता एक 35 वर्षीय गृहिणी है, जो अपने पति और बच्चों के साथ ऐशबाग क्षेत्र में रहती है। दो महीने पहले उसने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए एक निजी होम ट्यूटर को घर बुलाना शुरू किया था। ट्यूटर 37 वर्षीय युवक शहादत मिर्जा, जो उसी इलाके में रहता है।
पीड़िता का आरोप है कि कुछ दिनों पहले शहादत मिर्जा ने उसके घर में चुपके से उसका आपत्तिजनक वीडियो बना लिया। इसके बाद वह उसे वायरल करने की धमकी देने लगा और महिला पर दबाव बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। यह सिलसिला कई बार दोहराया गया।
पीड़िता ने कहा, "शहादत बार-बार धमकी देता था कि यदि मैं किसी को बताऊंगी, तो वह वीडियो सोशल मीडिया पर डाल देगा। डर के कारण मैं चुप रही, लेकिन जब उसने पैसों की मांग भी शुरू कर दी, तब मैं और नहीं सह पाई,"
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 30 जून को शहादत ने अंतिम बार उसके साथ जबरन संबंध बनाए और फिर पैसों की मांग करने लगा। तब महिला ने साहस जुटाकर अपने पति को सारी बात बताई। पति के साथ वह सीधे ऐशबाग थाने पहुंची और शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने केस दर्ज कर शुरू की जांच
ऐशबाग पुलिस के मुताबिक महिला की शिकायत पर दुष्कर्म, जबरन वसूली, धमकी और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम दबिश दे रही है।
NCRB के आंकड़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों की दर लगातार बढ़ रही है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में 4,28,278 की तुलना में 4% की वृद्धि है। वहीं बच्चों के खिलाफ अपराध के 1,62,449 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में 8.7% (1,49,404 मामले) की वृद्धि दर्शाते हैं। मध्य प्रदेश में भी बच्चों के खिलाफ मामले बढ़े हैं। आंकड़ों के अनुसार राजधानी भोपाल में साल 2022 में 758 अपराध बच्चों के खिलाफ दर्ज हुए।