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पूर्व कुलपति पर यौन उत्पीड़न मामले में हाईकोर्ट का फैसला: 41 लाख का हर्जाना, शासन और पुलिस की लापरवाही भी आई कटघरे में!

भोपाल। लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय (LNIPE) ग्वालियर में वर्ष 2019 में हुए यौन उत्पीड़न मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉ. दिलीप दुरेहा को दोषी मानते हुए उनके ऊपर 35 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही शासन पर 5 लाख रुपये और विश्वविद्यालय पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि शासन पर लगाया गया जुर्माना उस पुलिस अधिकारी से वसूला जाए, जिसने शिकायत मिलने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की थी।

कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट टिप्पणी की कि विश्वविद्यालय को ऐसे व्यक्ति के अधीन सौंपा गया था, जो खुद सेवा में रहने योग्य नहीं था। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) में शिकायत की थी, जिसने आरोपों को सही पाया, बावजूद इसके न कुलपति के खिलाफ कार्रवाई हुई और न ही पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की।

क्या था मामला?

मामला मार्च 2019 का है। विश्वविद्यालय में कार्यरत एक महिला योग शिक्षक सुबह 7 बजे कक्षा लेने के लिए जा रही थीं। उसी समय तत्कालीन कुलपति डॉ. दिलीप दुरेहा रास्ते में मिले और उन्होंने महिला को गलत तरीके से छूने की कोशिश की। इस घटना से महिला घबरा गईं, लेकिन डर और पद की ताकत के कारण उन्होंने तत्काल शिकायत नहीं की। कुछ दिनों बाद एक और अवसर पर कुलपति ने दुबारा आपत्तिजनक हरकत की, जिसके बाद महिला ने हिम्मत कर विश्वविद्यालय की महिला उत्पीड़न शिकायत समिति में शिकायत दर्ज कराई।

जांच समिति ने माना आरोप सही, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई

महिला की शिकायत पर गठित विश्वविद्यालय की आंतरिक समिति ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में आरोपों को सही पाया, लेकिन न कुलपति के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई और न ही किसी तरह का प्रशासनिक हस्तक्षेप हुआ। पीड़िता ने इसके बाद गोला का मंदिर थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया और एफआईआर दर्ज नहीं की।

सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद दर्ज हुआ मामला

स्थानीय स्तर पर लगातार अनदेखी और न्याय न मिलने के कारण पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ग्वालियर के गोला का मंदिर थाना पुलिस ने तत्कालीन कुलपति डॉ. दिलीप दुरेहा सहित पांच अन्य के खिलाफ यौन उत्पीड़न और सहयोग करने की धाराओं में मामला दर्ज किया। इसके बाद मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा, जहां लगातार सुनवाई के बाद अब फैसला सुनाया गया है।

कोर्ट ने शासन पर लगाए गए 5 लाख के जुर्माने को सीधे उस पुलिस अधिकारी से वसूलने का आदेश दिया, जिसने शिकायत दर्ज नहीं की। अदालत ने कहा कि यदि शिकायत के समय कार्रवाई की गई होती, तो पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट तक नहीं जाना पड़ता और उसे समय रहते न्याय मिल सकता था।

कोर्ट द्वारा लगाए गए जुर्माने में दोषी संस्था व्यक्ति जुर्माने की राशि डॉ. दिलीप दुरेहा (पूर्व कुलपति) से 35 लाख और मध्य प्रदेश शासन से 5 लाख एलएनआईपीई (LNIPE विश्वविद्यालय) से 1 लाख रुपये बसूल करने के आदेश दिए हैं।

कोर्ट ने कहा, “चार सप्ताह के भीतर उक्त राशि पीड़िता को दी जाए। शासन पर लगाया गया जुर्माना उस पुलिस अधिकारी से वसूल किया जाए जिसने एफआईआर दर्ज नहीं की थी।”

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