बेंगलुरु – कन्नड़ और संस्कृति विभाग की निदेशक के.एम. गायत्री के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई एक दलित कलाकार की शिकायत के बाद हुई, जिसमें उन्होंने बकाया भुगतान मांगने पर जातिसूचक गालियां देने और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
यह शिकायत 55 वर्षीय जोगिला सिद्धराजू ने बेंगलुरु के एसजे पार्क पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई। सिद्धराजू के अनुसार, वह बीते तीन वर्षों से कलाकारों के एक समूह का रुका हुआ पारिश्रमिक दिलवाने के लिए निदेशक के कार्यालय गए थे। शिकायत में कहा गया है कि बातचीत के दौरान जब निदेशक को उनकी जाति के बारे में पता चला तो माहौल बिगड़ गया।
सिद्धराजू ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से करने की चेतावनी दी, तो गायत्री ने उन पर कंप्यूटर माउस पैड फेंका और उनके सहयोगी का मोबाइल फोन भी छीन लिया, जो इस घटना की रिकॉर्डिंग करने की कोशिश कर रहा था।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि निदेशक ने उन्हें जातिसूचक शब्द कहे, जिससे उन्हें अपमान और मानसिक पीड़ा हुई। पुलिस ने एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की कई धाराओं और बीएनएस की उन धाराओं के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है जो स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने से जुड़ी हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच जारी है। खबर लिखे जाने तक के.एम. गायत्री की ओर से सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।