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कांवड़ यात्रा पर कविता पाठ के बाद FIR: बरेली शिक्षक ने कहा- लड़ना है तो ढूंढ बराबर का आदमी...रास्ता क्यूँ रोके है फ़कीर का!

बरेली- उत्तर प्रदेश के बरेली के महात्मा गांधी मेमोरियल इंटर कॉलेज में हिंदी के शिक्षक रजनीश गंगवार पर कांवड़ यात्रा को लेकर लिखी गई कविता पढ़ने के बाद 14 जुलाई को थाना बहेडी में धारा 295A और 505(2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद शिक्षक ने एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने साफ किया कि उनकी कविता छोटे बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए थी, न कि बड़ों को कांवड़ यात्रा से रोकने के लिए।

शिक्षक की इस विडियो को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी शेयर किया है और भाजपा के अमृत काल पर कटाक्ष किया।

यह मामला अब शिक्षा और धार्मिक आस्था के बीच टकराव का प्रतीक बन गया है। सवाल यह है कि क्या एक शिक्षक को बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाने का अधिकार है या नहीं। फिलहाल, पुलिस जांच कर रही है और मामला गर्माया हुआ है।

शिक्षक रजनीश गंगवार ने अपनी सफाई में कहा, "मैं ABVP का नगर अध्यक्ष हूं, स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड एंबेसडर, नगर पालिका बहेड़ी का सांस्कृतिक प्रभारी और NSS प्रोग्राम ऑफिसर भी हूं। मेरी कविता छोटे बच्चों के लिए थी, जिनकी उम्र पढ़ने की है। पूरा देश इन दिनों न्यूज़ देख रहा है कि कांवड़ियों के चलते दुर्घटनाएं होती हैं, मारपीट होती है, नशे में धुत्त लोग होते हैं। मैंने एक शिक्षक होने के नाते बस छोटे बच्चों को सही रास्ता दिखाने की कोशिश की।"

उन्होंने आगे कहा, "जब वे बड़े हो जाएं, तो जो बनना चाहें, मैं उन्हें या उनके घरवालों को तो नहीं रोकने जा रहा हूँ। लेकिन अभी उन्हें पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।" शिक्षक ने हिंदू संगठनों से सवाल किया कि " जो लोग मेरी कविता से आहत हुए हैं वे अपने मंत्री पर क्यों नहीं कारवाई करते हैं, राजभर जी ने भी कहा था कि कांवड़ ले जाने वालों से कोई डॉक्टर-इंजीनियर नहीं बनता। उन्होंने कांवड़ को लेकर जो भी कहा खुले मंच से कहा था, उनके खिलाफ केस दर्ज होगा?" इस दोहरे मापदंड को कविता की पक्तियों में पेश करते हुए शिक्षक ने आगे कहा, "लड़ना है तो ढूंढ बराबर का आदमी...रास्ता क्यूँ रोके है फ़कीर का!"

इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिक्षक का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, "शिक्षक पर FIR और शिक्षालय बंद हो रहे हैं... भाजपा के लिए क्या यही अमृतकाल है?" वहीं, भाजपा और कांवड़ सेवा समिति के लोगों का कहना है कि कविता से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

कविता की पंक्तियां जिससे नाराज हुए संगठन

जिस कविता को सुनाने पर टीचर रजनीश गंगवार पर बरेली, यूपी में FIR हुई वो कुछ इस प्रकार है। यह कविता 12 जुलाई को स्कूल में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान सुनाई गई थी।

कावड़ लेने मत जाना, तुम ज्ञान का दीप जलाना

मानवता की सेवा करके, तुम सच्चे मानव बन जाना

कांवड़ ढोकर कोई वकील, डीएम एसपी नहीं बना है।

कावड़ जल से कोई बनिया हाकिम वैद्य नहीं बना है।

कावड़ से बुद्धि-विवेक का तनिक विकास ना होगा।

भांग धतूरा गांजा सुल्फा मद से,कोई उद्धार ना होगा।

जाति-धर्म का नशा छोड़कर, स्व कल्याण करो तुम।

शिक्षालय-पुस्तकालय में पढ़,ज्ञान प्रगाढ़ करो तुम ।

सत् कर्मों से मानव सेवा कर, प्रेम का दीप जलाना ।

कावड़ लेने मत जाना,तुम ज्ञान का दीप जलाना ।

मानवता की सेवा करके,तुम सच्चे मानव बन जाना।।

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