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MP: हाईकोर्ट में अंबेडकर प्रतिमा स्थापना पर गरमाई राजनीति, कांग्रेस ने RSS पर लगाया वर्ग संघर्ष कराने का आरोप

भोपाल। ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर चल रहा विवाद अब तीखी सियासी लड़ाई का रूप ले चुका है। मंगलवार को इस मुद्दे पर दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में मध्यप्रदेश कांग्रेस की अहम बैठक हुई, जिसमें पार्टी ने अपना अधिकृत रुख स्पष्ट करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला।

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर की मूर्ति लगाने की प्रशासनिक अनुमति पहले ही मिल चुकी है, ऐसे में अब इसमें बाधा डालना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा, "आरएसएस जानबूझकर विवाद पैदा कर रहा है ताकि समाज में वर्ग संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो,"

उन्होंने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब कोर्ट परिसरों में मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं। देश के अन्य हाईकोर्ट में भी प्रतिमाएं लग चुकी हैं, लेकिन यहां सिर्फ इसलिए विवाद खड़ा किया जा रहा है क्योंकि वह मूर्ति बाबा साहब अंबेडकर की है।

"बाबा साहब किसी एक वर्ग के नहीं": कांग्रेस

हरीश चौधरी ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान के ज़रिए हर नागरिक को अधिकार दिलाने का कार्य किया, लेकिन आरएसएस उन्हें सिर्फ एक वर्ग तक सीमित करना चाहता है। उन्होंने केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार से अपील की कि वे अड़चनों को दूर करें और मूर्ति स्थापना का मार्ग प्रशस्त करें।

"जो बाधाएं खुद सरकारों ने पैदा की हैं, उन्हें दूर करना उनकी जिम्मेदारी है। बाबा साहब देश के हैं, न कि किसी एक जाति या वर्ग के," उन्होंने कहा।

भाजपा का पलटवार: कांग्रेस कर रही दिखावा

कांग्रेस के आरोपों पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रतिक्रिया दी। एक स्थानीय समाचार पत्र से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस बाबा साहब के नाम पर नाटक कर रही है, जबकि उनके जीते-जी कांग्रेस ने ही उन्हें उपेक्षित किया।

उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने उनके जीवनकाल में भी उन्हें तकलीफ दी और उनके शांत हो जाने के बाद भी कोई स्मारक नहीं बनाया। अब चुनावी नाटक कर रही है,"

सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश के महू में बाबा साहब के जन्मस्थान को कांग्रेस सरकारों ने कभी महत्व नहीं दिया। जबकि भाजपा सरकार ने महू को स्मारक के रूप में विकसित किया है।

भाजपा और आरएसएस हैं संविधान विरोधी: पटवारी

दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता और एमपी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा, आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें "संविधान, आरक्षण और अंबेडकर विरोधी" करार दिया। उन्होंने कहा कि जब कोर्ट से अनुमति मिल चुकी है, तो फिर प्रतिमा न लगना यह दर्शाता है कि सत्ता में बैठे लोग बाबा साहब की विरासत से डरते हैं।

उन्होंने कहा, "भाजपा और आरएसएस संस्थागत रूप से दलित विरोधी हैं। अंबेडकर को स्वीकारना उनके स्वभाव में नहीं है,"

आरएसएस में कोई आदिवासी सरसंघचालक क्यों नहीं?

मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी इस मुद्दे को लेकर आरएसएस की सोच पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आज तक संघ में कोई आदिवासी सरसंघचालक नहीं बना, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे समाज के छोटे वर्गों को कभी बराबरी का दर्जा देना ही नहीं चाहते।

उमंग सिंघार ने आगे कहा, "RSS की सोच ही सामंती और जातिवादी है। वे अंबेडकर जैसे राष्ट्रनिर्माताओं को भी वर्ग संघर्ष के औजार की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं,"

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