कोल्लम- केरल के कोल्लम जिले के कुंदरा क्षेत्र से एक ऐसी दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है जो समाज में आज भी प्रचलित दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा की क्रूरता को उजागर करती है। शारजाह के अल नहदा इलाके में रहने वाली 32 वर्षीय विपंचिका मणि ने 8 जुलाई 2025 को कथित रूप से अपनी डेढ़ साल की मासूम बेटी वैभवी की हत्या करने के बाद खुद आत्महत्या कर ली।
विपंचिका एक कपनी में HR विभाग में कार्यरत थी और पिछले 7 सालों से शारजाह में रहती थी जबकि उसका पति नितीश एक इंजिनियर है। दोनों का अरेंज्ड मैरेज नवंबर 2020 में केरल में हुआ था जिसके बाद दोनों शारजाह में रहते थे। विपंचिका ने आत्महत्या से पहले अपने फेसबुक पर सुसाइड नोट और कई निजी तस्वीरों को प्रीसेट शेड्यूल कर पोस्ट किया था जिससे उसके परिजनों और पुलिस को उसके साथ हुई शारीरिक और मानसिक हिंसा की जानकारी मिली।
इस घटना ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज और प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। विपंचिका की मां शैलजा की शिकायत के आधार पर कुंदरा पुलिस ने विपंचिका के पति नीतीश, उनकी बहन नीतू और ससुर मोहनन के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के आरोप में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है। यह मामला भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 85, 108 और दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की धारा 3, 4 के तहत दर्ज किया गया है।
विपंचिका और उनकी बेटी की दुखद मौत के बाद 15 जुलाई सुबह उनकी मां शैलजा शारजाह पहुंचीं, जहां वह अपनी बेटी और दोहिती के शव को वापस लाने की प्रक्रिया में हैं।
विपंचिका ने अपनी आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट और सोशल मीडिया पोस्ट में अपने पति और ससुराल वालों द्वारा किए गए शारीरिक और मानसिक शोषण का दर्दनाक वर्णन किया था। यह घटना दहेज उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी के रूप में सामने आई है।

विकृत यौनिकता का शिकार?
विपंचिका मणि की शादी को पांच साल हो चुके थे, और इस दौरान वह लगातार दहेज उत्पीड़न और ससुराल वालों की क्रूरता का शिकार रही। हालांकि उसने यह सब बातें कभी अपनी माँ को उजागर नहीं की क्योंकि वह माँ को परेशान नहीं करना चाहती थी।
उनकी मां शैलजा ने मीडिया को बताया कि नीतीश ने न केवल विपंचिका को दहेज के लिए प्रताड़ित किया बल्कि अपनी गर्लफ्रेंड को उनके घर में लाकर उनके बेड पर तक सुलाया। शैलजा ने कहा कि नीतीश का यह व्यवहार विपंचिका के लिए असहनीय अपमान था। इसके अलावा ससुर मोहनन भी विपंचिका के साथ दुर्व्यवहार करता था।
शैलजा ने कहा कि उनका कलेजा यह सोचकर फटा जा रहा है कि बेटी ने इतनी अमानवीय यातनाएं सही लेकिन अपनी माँ को इनकी भनक नहीं होने दी , अगर उन्हें यह सब पहले मालूम होता तो वह कभी अपनी बेटी को वहां अकेले नहीं रहने देती।
शैलजा के अनुसार, विपंचिका को ससुराल में उसकी शक्ल-सूरत के लिए ताने मारे जाते थे, क्योंकि वह गोरी थी, जबकि नीतीश और उसका परिवार सांवले रंग का था। एक बार तो ससुराल वालों ने विपंचिका के बाल काट दिए ताकि उसे और अपमानित किया जा सके। नीतीश के कथित एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर पर सवाल उठाने पर विपंचिका के साथ मारपीट की गई और उसे तलाक का नोटिस भी भेजा गया। विपंचिका की आत्महत्या नोट में लिखा था, "मैं अभी तक अपनी बेटी को देखने की लालसा से ही उबर नहीं पाई हूँ। मैं मरना नहीं चाहती हूँ।" यह नोट उनके दर्द और हताशा को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

शैलजा ने आगे बताया कि शादी के समय नितीश के परिवार को लेकर जब सामान्य पूछताछ की गई थी तब लोग उन्हें ज्यादा नहीं जानते थे क्योंकि यह परिवार विदेश में रहता था और विवाह के आसपास ही में केरल आकर सेटेल हुआ। दहेज की मांग को लेकर पूछे सवाल में शैलजा ने बताया कि नितीश का परिवार काफी अमीर था और उन्होंने सीधे रूप से दहेज की मांग नहीं की लेकिन इशारा देते हुए जरूर कहा था कि नितीश की बहन को उसकी शादी में 115 पवन (920 ग्राम) सोना, 35 लाख की कार आदि दिया था। शैलजा ने बताया कि चूंकि उनकी इतनी हैसियत नहीं थी उन्होंने अपनी बेटी को 50 पवन सोना दिया जिससे उसके ससुराल वाले नाराज थे। शैलजा कहती हैं" हमारा स्वयं का मकान नहीं है इसलिए उसके ससुराल वाले अकसर उसे "बेघर भिखारिन", "कंगाल" आदि शब्दों से संबोधित करते थी। स्वय शैलजा के साथ भी नितीश के परिवार का व्यवहार अच्छा नहीं था लेकिन उन्होंने बेटी की ख़ुशी की खातिर कभी प्रतिरोध नहीं किया लेकिन उन्हें नहीं मालूम था कि वे उनकी बेटी के साथ जानवरों जैसा व्यवहार करते रहे हैं।
विपंचिका की मां शैलजा ने बताया कि उनकी बेटी और दोहिती को ससुराल में बुनियादी सुविधाओं तक से वंचित रखा गया। शैलजा ने एक हृदयविदारक वीडियो का जिक्र किया, जिसमें विपंचिका नीतीश से बाथरूम जाने की अनुमति मांग रही थी। इसके अलावा, नीतीश बच्चे की देखभाल करने से भी इनकार करता था और कहता था, "उसे यहाँ से ले जाओ।" ऐसी अमानवीय परिस्थितियों में विपंचिका को हर दिन जीना पड़ता था। उनकी मां का कहना है कि विपंचिका की एकमात्र "गलती" यह थी कि उसने नीतीश और अपनी बेटी से प्यार किया, और यही उसकी जिंदगी की कीमत बन गई। शैलजा का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी की पीड़ा का पूरा सच उसकी मौत के बाद ही पता चला, क्योंकि विपंचिका अपनी परेशानियों को छिपाती थी।

विपंचिका की माँ ने बताया कि काफी समय तक दोनों के बीच मतभेद के बाद नितीश अलग फ्लैट में रहने लगा जिससे उनकी बेटी का दिल टूट गया। विपंचिका अपने दोस्तों और सहकर्मियों के साथ अपना दर्द शेयर करती थी और उनसे ही शैलजा को यह मालूम हुआ कि जब वह सात माह की गर्भवती थी तब नितीश और उसकी बहन ने विपंचिका को शारीरिक यातना दी- भरपेट भोजन नहीं देना, कुत्ते की तरह गले में पट्टा डालकर खींचना, बाथरूम में बंद करके मारपीट, उसके मुंह में बासी सड़े खाने को ठूस दिया गया था।
शैलजा ने बताया कि विपंचिका को सबसे ज्यादा शिकायत अपनी ननद नीतू से थी जो उसके पति और उसे साथ रहने नहीं देती थी. विपंचिका के वौइस् नोट में वह कहती है कि " मैंने अपने ननद के पति से बहुत विनती किया कि वो मुझे अपने पति और बेटी के साथ शान्ति की जिन्दगी जीने दें। नितीश ने कभी मुझे और मेरी बेटी को प्यार नही दिया, उसके जीवन में सबसे ज्यादा महत्व उसकी बहन और भांजे के लिए था और वह अपने भांजे को ही अपना बेटा कहता था, हमारी बेटी को कभी दुलार नहीं दिया जो मेरे लिए असहनीय हो गया है। "
शैलजा ने यह भी बताया कि विपंचिका बहुत सुन्दर और स्मार्ट थी और शादी के वक्त नीतीश से ज्यादा कमाती भी थी लेकिन नीतीश जैसे लडके से शादी को लेकर उसके दोस्तों ने उसे टोका था कि क्या खूबी देखकर ऐसे लडके से शादी करना चाहती हो। इस पर विपंचिका ने कहा था कि उसे पूरा विश्वास है कि नीतीश उसे बहुत प्यार देगा जो किसी भी लडकी का सपना होता है.
शैलजा कहती हैं, " मेरी बेटी ने उसे इतना प्यार किया, उसपर भरोसा किया और उसकी सारी गलतियों को माफ़ कर दिया जो एक पत्नी के लिए मुमकिन नहीं लेकिन फिर भी नितीश ने मेरी बेटी का भरोसा तोड़ा . शैलजा ने इस पूरे प्रकरण में उच्च स्तरीय जाँच की मांग की है क्योंकि उनका और उनके वकील मनोज का भी मानना है कि जिन परिस्थितियों में विपंचिका और वैभवी के शव पाए गए वह आत्महत्या की बजाय हत्या या किसी बड़े साजिश की ओर इशारा करता है।