जमशेदपुर। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत घाटशिला विधानसभा अंतर्गत जादूगोड़ा के कुलामारा गांव में बीती रात तेज बारिश और नदी में उफान के चलते पुरानी पुलिया बह गई। इस पुलिया के बह जाने से कोतोपा, बकाई और नेत्रा बेड़ा गांव का जादूगोड़ा प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
चार चक्का वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप है, जबकि किसी तरह पैदल या बाइक से आना-जाना कर रहे हैं। कुलामारा, माटी गोंडा पंचायत का सबसे पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है। राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के प्रयास से झारखंड अलग राज्य बनने के 25 साल बाद यहां सड़क तो बनी, लेकिन पुरानी और जर्जर पुलिया का निर्माण पूरा नहीं होने से यह संकट सामने आया।
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार पुलिया निर्माण पूरा कराने की मांग की गई, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। पुलिया बहने से परेशान ग्रामीणों ने सरकार पर से भरोसा छोड़, श्रमदान कर अस्थायी रास्ता बनाया ताकि छोटे वाहनों का आवागमन शुरू हो सके।
हालांकि, अस्थायी रास्ता भी बेहद कमजोर है और बह जाने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीण अब भी दहशत में हैं कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है। ग्रामीणों ने सरकार से जल्द मजबूत पुलिया के निर्माण की मांग करते हुए कहा है कि बारिश में हालात और बिगड़ सकते हैं। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो कई गांवों का संपर्क पूरी तरह कट जाएगा और लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार पश्चिम बंगाल और झारखंड के ऊपर चक्रवाती हवाओं के सक्रिय होने के कारण मौसम में अस्थिरता बनी रहेगी। इसका पूरा असर बिहार में भी देखने के लिए मिलेगा। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे गरज और बारिश के दौरान घर के अंदर रहें और पेड़ों, बिजली के खंभों या खुले मैदानों में शरण लेने से बचें। किसानों और बाहर काम करने वालों को सलाह दी गई है कि वे इस दौरान सावधानी बरतें और कंक्रीट की इमारतों में शरण लें।