MP: हरदा में महिला ने हेड कॉन्स्टेबल पर छेड़छाड़ का लगाया आरोप, पुलिस ने दर्ज किया केस

03:35 PM Nov 19, 2024 | Ankit Pachauri

भोपाल। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक 32 वर्षीय महिला ने कोतवाली थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल शिवशंकर चौरे पर छेड़छाड़, जबरन संबंध बनाने का दबाव डालने और जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने शिकायत में कहा कि उसने 29 सितंबर से लगातार पुलिस से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कार्रवाई न होने से निराश होकर उसने आत्महत्या का प्रयास किया।

पीड़िता ने बताई आपबीती

सोमवार देर रात पीड़ित महिला थाना पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। उसने आरोप लगाया कि हेड कॉन्स्टेबल शिवशंकर चौरे, जो उसकी कॉलोनी में परिवार के साथ रहता है, कई महीनों से उसे गलत इशारे कर रहा था। महिला ने कहा कि आरोपी ने न केवल अश्लील इशारे किए, बल्कि उसे व्हाट्सएप पर अश्लील मैसेज और फोटो भी भेजे।

गणेश चतुर्थी के दिन आरोपी ने पीड़िता को व्हाट्सएप पर अनुचित मैसेज भेजे। इसके बाद नवरात्रि के एक दिन पहले एक घटना हुई, जिसमें आरोपी की पत्नी ने पीड़िता को एक घड़ा दिया था। वह घड़ा गलती से टूट गया, जिसके बाद पीड़िता नया घड़ा लेकर आरोपी के घर गई। उस समय उसकी पत्नी घर पर नहीं थी। पीड़िता ने बताया कि इस मौके का फायदा उठाते हुए आरोपी ने उसके साथ छेड़छाड़ की। जब उसने विरोध किया, तो आरोपी ने जातिसूचक शब्द कहे और उसकी सामाजिक छवि खराब करने की धमकी दी।

पति को झूठे केस में फंसाने की धमकी

महिला ने बताया कि जब उसने आरोपी की हरकतों का विरोध किया, तो उसने उसके पति को झूठे आरोपों में फंसाने और उसकी नौकरी छीनने की धमकी दी। इस मानसिक प्रताड़ना ने महिला को इतना परेशान कर दिया कि उसने आत्महत्या करने का प्रयास किया। पीड़िता ने बताया कि न्याय न मिलने से परेशान होकर दो दिन पहले उसने अपने घर में फांसी लगाने की कोशिश की। सूचना मिलते ही महिला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और उसे बचाकर अस्पताल में भर्ती कराया।

आरोपी की पत्नी का आत्महत्या का प्रयास

इस घटना के कुछ समय बाद, आरोपी हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी ने भी अपने घर में आत्महत्या करने की कोशिश की। पुलिस के अनुसार, आरोपी की पत्नी ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उसके पति पर लगे आरोपों से वह तनाव में थी।

फिलहाल इस मामले में पीड़िता की शिकायत के बाद महिला थाना पुलिस ने हेड कॉन्स्टेबल शिवशंकर चौरे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है।

पुलिस तंत्र पर उठे सवाल

यह मामला पुलिस तंत्र की निष्क्रियता और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति उदासीनता को उजागर करता है। पीड़िता ने 29 सितंबर से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कार्रवाई में देरी ने उसे आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। एफआईआर में हुई देरी पर पुलिस अधिकारी जांच करने की बात कह रहे थे।