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गुजरात: आप विधायक उमेश मकवाणा ने दलितों के साथ भेदभाव का आरोप लगाकर दिया इस्तीफा, पार्टी ने लगाया 5 साल का बैन!

गांधीनगर: आम आदमी पार्टी (AAP) को गुजरात के विसावदर उपचुनाव में मिली जीत के जश्न के बीच बड़ा झटका लगा है। पार्टी के बोटाद विधायक और राष्ट्रीय संयुक्त सचिव उमेश मकवाणा ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है और आरोप लगाया है कि "AAP पिछड़ों-दलितों के मुद्दों को उठाने में नाकाम रही है और पार्टी में जातिवादी मानसिकता बढ़ गई है।" उन्होंने खुलासा किया कि कड़ी उपचुनाव में दलित उम्मीदवार को सपोर्ट करने पार्टी के कोई नेता नहीं गए, जबकि विसावदर में गोपाल इटालिया के लिए पूरी पार्टी जुट गई थी।

मकवाणा ने AAP के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पद और विधानसभा में दल के दंडक (नेता) पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा देने की इच्छा जताई, लेकिन फिलहाल जनता से राय लेने का ऐलान किया है। AAP ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उन्हें 5 साल के लिए निलंबित कर दिया। मकवाणा ने आरोप लगाया कि "पार्टी में ऊंची जातियों का दबदबा है और दलित नेताओं को उपेक्षित किया जा रहा है।"

मकवाणा लंबे समय से AAP से नाराज चल रहे थे और पार्टी कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे। विसावदर में अरविंद केजरीवाल के प्रचार दौरे के दौरान भी वह गायब रहे। उनका कहना है कि "AAP ने गुजरात में पिछड़े वर्गों को न्याय नहीं दिलाया।"

मकवाणा मूल रूप से भाजपा और ABVP से जुड़े रहे हैं और 22 साल तक संघ परिवार में सक्रिय रहे। 2022 में टिकट न मिलने पर AAP से चुनाव जीते थे। अब उनके भाजपा में वापस जाने की अटकलें तेज हो गई हैं।

मकवाणा ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी भी लिखी है.

अरविंद केजरीवाल को भेजी चिट्ठी में मकवाना ने कहा कि जय भारत, साथ में सूचित करता हूं कि मैं आम आदमी पार्टी में राष्ट्रीय संयुक्त सचिव के पद पर ढाई साल में सेवा कर रहा हूं. इसके साथ ही गुजरात विधानसभा में आम आदमी पार्टी चीफ व्हिप के रूप में सेवा कर रहा हूं. फिलहाल मेरी सामाजिक सेवाएं कम होने से, मैं आम आदमी पार्टी के तमाम पद से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं एक कार्यकर्ता के रूप में पार्टी का कार्य करूंगा. मुझे सभी पद पर से और जिम्मेदारी से मुक्त करने के लिए मेरा आपसे अनुरोध है.

इधर पार्टी का कहना है , " आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी विरोधी और जनविरोधी गतिविधियों के कारण उमेश मकवाना को आम आदमी पार्टी से पांच साल के लिए निलंबित करने का फैसला किया है।

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