गृहमंत्री अमित शाह महोदय, राज्यसभा में आपने कहा कि 'आज कल बाबा साहब आंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया है। हर बात में बाबा साहब का नाम आंबेडकर-आंबेडकर-आंबेडकर-आंबेडकर लिया जाने लगा है। इतना ही नाम अगर भगवान का लेते तो स्वर्ग मिल जाता।'
आपके भगवान और आपका स्वर्ग पता नहीं कहाँ हैं, क्या हैं, हमारे तो बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ही भगवान हैं। हां,अमित शाह महोदय, बाबा साहेब अंबेडकर हमारे भगवान हैं।हमारी जिंदगी को, इसी जीवन को सुखमय बनाने की व्यवस्था वाले भगवान हैं हमारे बाबा साहेब डा. अंबेडकर। आपके होंगे कोई और भगवान, लो 100 बार नाम और आरक्षित करो स्वर्ग! वैसे आपके वाले भगवान महावीर भी इसी लोक के भगवान थे! हां, अमित जैन शाह साहिब!
जिस हिन्दू कोड बिल के इस्तीफे से उनके सेलेक्टिव दुःख और कांग्रेस पर आपत्तियों का जिक्र आप कर रहे थे न, वह आपके पुरखों के दवाब में पारित नहीं हुआ था। आरएसएस और हिंदुत्ववादी आपके पुरखे। क्या कहते हैं आप, सनातनी! हिंदू कोड बिल को तैयार करने, उसे पेश करने और न पास होने कर इस्तीफा देने के कारण बाबा साहेब अंबेडकर हमारे भगवान हैं।बाद में इसे थोड़े अंतर से तीन खंडों में प्रथम प्रधानमंत्री के नेतृत्व में तीन अलग अलग कानूनों में पारित किया गया। देश की महिलाओं को मानव जीवन का हक मिला। महिलाओं को तलाक, मर्जी से विवाह, गुजारा भत्ता आदि का अधिकार और सबसे बड़ा सम्पत्ति का अधिकार दिलाने वाले बाबा साहेब अंबेडकर हमारे भगवान हैं।
बाबा साहेब अम्बेडकर हमारे भगवान हैं, स्त्रीवादी भगवान! अब आप कहोगे, ये स्त्रीवादी भगवान क्या होता है ? नहीं समझोगे आप। स्त्रीविहीन आपका पितृसंगठन इसे समझने भी नहीं देगा। आपकी ट्रेनिंग ही कुछ ऐसी हुई है। आपकी भी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी। स्त्रीवादी भगवान ने 1928 में स्त्रियों के प्रसूति अधिकार के लिए बिल पेश किया था। उन्होंने 1938 में अनचाहे गर्भ से मुक्ति, देह और कोख पर अधिकार के लिए बिल के समर्थन किया, सहयोग किया। यह कोई पारलौकिक भगवान नहीं करता है। यह हमारे भगवान ने ही किया। कितना कुछ गिनाएं। कितना कुछ बताएं। जब लेंगे नाम तो हर बार लेंगे। सुनना पड़ेगा आपको।
बाबा साहेब डा.अम्बेडकर को पढ़ा है, आपने? चलिए, आप क्यों पढ़ेंगे? आपके, आपके विचारों के, आपके पुरखों के विचारों के ही खिलाफ थे। आपके हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना और उसके प्रयासों के खिलाफ थे। वे आपके इस विचार और इस विचार के वाहक हिन्दू महासभा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के खिलाफ थे, उन्होंने हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना को समता, बंधुत्व और स्वतंत्रता के खिलाफ बताया था। बाबा साहेब अंबेडकर हमारे भगवान हैं क्योंकि संविधान में उन्होंने समता की नींव रखी। समता, बंधुता और स्वतंत्रता की।
बाबा साहेब डा.अम्बेडकर हमारे भगवान हैं क्योंकि उन्होंने आपके आराध्य क़ानून ग्रंथ मनुस्मृति के विरोध में सुचिंतित लेखन किया, हमें सचेत किया, आंदोलन के जरिए उसके दहन कर उसकी निरर्थकता का संदेश दिया और बाद में संविधान आधारित एक व्यस्था दी, जिसके असर से आज हम मानवता का एक स्तर हासिल कर सके हैं। बाबा साहेब अंबेडकर हमारे भगवान हैं, क्योंकि वे आधुनिक भारत के आर्किटेक्ट थे। संग -संग नेहरू पटेल के। तब आपके पुरखे भगवा और मनुस्मृति की वकालत कर रहे थे।
बाबा साहेब को 'अंबेडकर' और भूल सुधार के लिए 'अंबेडकर जी' आदि बोलकर अपना इरादा ही तो जाहिर कर रहे हो शाह साहेब! आप थोड़ा सा भी उनका सम्मान कर रहे होते तो उन्हें बाबा साहेब कहते हुए सम्मान से बात करते। वैसे भी गोडसे और सावरकर का वैचारिक संग साथ करने वाले हमारे बाबा साहेब का सम्मान कर भी क्यों सकते हैं भला!
बात आप पंच तीर्थ बनाने की करते हो और अपमान उन पंच तीर्थ के 'भगवान' का करते हो! पंचतीर्थ आपका और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का योजनाबद्ध को-ऑप्शन का हिस्सा तो नहीं ? एक ओर तीर्थ बनाने का आडम्बर दूसरी दिल की बात जुबान पर छलकने का सत्य। प्रधानमंत्री यूं ही तो नहीं कह जाते हैं कि 'आज डा. अम्बेडकर भी आ जायें तो संविधान को नहीं बदल सकते।' यह कैसी तुलना, कैसी चुनौती !!
बाबा साहेब डा. अम्बेडकर इसलिए हमारे भगवान हैं कि उन्होंने समता की दिशा में 'सकारात्मक कार्रवाई' के लिए प्रावधान किया और स्टेट को तैयार किया। आप तो आजकल उनके समर्थन और प्रयास से आरक्षण की व्यवस्था को एक सुरक्षित संवैधानिक ढाल बनाने के इतिहास को भी लगातार कोसने में लगे हैं। हाँ, मैं प्रथम संविधान संशोधन की बात कर रहा हूँ।
बाबा साहेब डा. अम्बेडकर हमारे भगवान हैं क्योंकि छुआछूत की गुलामी से मुक्त कर उन्होंने देश के करोडो दलितों, वंचितों को शिक्षा, संगठन और संघर्ष का मन्त्र दिया, सत्ता में सम्पूर्ण हिस्सेदारी की राह दिखायी।
आप कांग्रेस के साथ लंगड़ी कबड्डी खेलो लेकिन भूलकर भी हमारे इतिहास के 'महासूर्य' का अपमान मत करो। एक कथन है, सच भी है, 'आसमान का थूक खुद पर आता है।' और हवा तेज हो तो आपके आस पास के चियर लीडर्स तक भी आता है।
हम लेंगे 100 बार नाम बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर का! हाँ उस भगवान का जिसने हमें गुलाम बनाने वाले, दलितों-स्त्रियों को मानसिक गुलाम बनाने वाले आपके कथित भगवानों से मुक्ति की राह दिखायी। हाँ डा. अम्बेडकर हमारे भगवान हैं, पाली भाषा में भगवान का अर्थ समझते हैं। नहीं समझेंगे।
सादर जय भीम, अमित शाह साहिब!
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