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MP विधानसभा में हंगामा: मंडला एनकाउंटर पर विपक्ष का आरोप, BJP विधायक ने भी सरकार को घेरा

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के छठवें दिन सदन में विपक्ष ने मंडला जिले में हुए नक्सली एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए सरकार पर आदिवासी हत्या का आरोप लगाया। विपक्षी विधायकों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की और सरकार पर पुलिस कार्रवाई को सही ठहराने का आरोप लगाया।

विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान के नाम पर निर्दोष आदिवासी युवक की हत्या कर दी। कांग्रेस विधायकों ने मांग की कि इस मामले की जांच किसी रिटायर्ड जज से कराई जाए।

इस पर गृह मंत्री की ओर से नरेंद्र शिवाजी पटेल ने जवाब दिया कि मामले की मजिस्ट्रेट जांच 11 बिंदुओं पर जारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पहले संदिग्ध से आत्मसमर्पण करने को कहा था, लेकिन उसने फायरिंग कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।

मंत्री के इस बयान से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया।

मंडला में हुए कथित नक्सली एनकाउंटर को लेकर कांग्रेस के आदिवासी विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने सवाल खड़े किए हैं। द मूकनायक से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह एनकाउंटर संदिग्ध है और सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि मारे गए व्यक्ति के नक्सली होने के क्या ठोस सबूत हैं। उन्होंने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच किसी सेवानिवृत्त जज से कराई जाए ताकि आदिवासी समुदाय को न्याय मिल सके।

डॉ. अलावा ने सरकार पर आदिवासी विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने के लिए निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर मार रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार के पास पुख्ता प्रमाण हैं, तो उन्हें सार्वजनिक किया जाए। कांग्रेस इस मामले को सदन और सड़क दोनों स्तरों पर उठाएगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगी।

BJP विधायक ने भी उठाए सवाल, भ्रष्ट अधिकारी को बचाने का आरोप

सदन में विपक्ष ही नहीं, बल्कि भाजपा विधायकों ने भी अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए। भिंड से भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने बिजली कटौती के मुद्दे पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को घेरते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में बिजली अधिकारियों की लापरवाही से जनता परेशान है।

उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के अधिकारी प्रदीप जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, जिसके सबूत वे पहले भी मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री को दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

ऊर्जा मंत्री ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि राज्य के सभी हिस्सों में पर्याप्त बिजली आपूर्ति की जा रही है। इस पर कुशवाहा ने नाराजगी जताते हुए कहा, "आप अधिकारी का लिखा हुआ जवाब पढ़ रहे हैं। प्रदीप जैन को तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए।" मंत्री ने मामले की वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराने की बात कही।

मंत्री राजपूत का कांग्रेस पर पलटवार, सिंघार को भेजा 20 करोड़ का मानहानि नोटिस

विधानसभा सत्र के दौरान सदन के बाहर भी सियासी घमासान जारी रहा। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और उन्हें 20 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजने की बात कही।

राजपूत ने कहा, "सिंघार भ्रष्टाचार में गले तक डूबे हुए हैं। वे दो करोड़ की डिफेंडर गाड़ी में घूम रहे हैं, उन्हें यह बताना चाहिए कि उनके पास इतनी महंगी गाड़ी कहां से आई। कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ है या उसके समर्थन में।"

इस पर कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने पलटवार करते हुए कहा, "हम प्रदेश में किसी भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे। मंत्री यदि सरकारी योजनाओं और टेंडरों में भ्रष्टाचार कर रहे हैं, तो हम उनके खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत करेंगे। मानहानि के नोटिस का भी कानूनी जवाब दिया जाएगा।"

गौरतलब है कि सोमवार को कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने लोकायुक्त से मुलाकात कर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ जांच की मांग की थी, जिसके बाद राजपूत ने इस पर प्रतिक्रिया दी।

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