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चंद्रशेखर आज़ाद ने सपा पर लगाया दलित विरोधी बड़ा आरोप, योगी से की नियुक्ति की मांग!

लखनऊ: भीम आर्मी के संस्थापक और यूपी के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर दलित विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए गंभीर हमला बोला है। उन्होंने दावा किया है कि वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 78 अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) अभ्यर्थियों को जानबूझकर नियुक्त नहीं किया गया। उन्होंने इसे सपा शासनकाल में दलितों के साथ हुए ‘ऐतिहासिक अन्याय’ का उदाहरण बताया है।

चंद्रशेखर ने इस मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है और सभी चयनित अभ्यर्थियों को तत्काल नियुक्ति देने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को 'दलितों की उम्मीद की अंतिम किरण' बताते हुए आग्रह किया है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर न्याय सुनिश्चित करे।

'कोई तकनीकी या कानूनी बाधा नहीं थी'

पत्र में चंद्रशेखर ने उल्लेख किया कि एआरओ (सहायक समीक्षा अधिकारी) पदों पर चयनित इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति में कोई तकनीकी या कानूनी अड़चन नहीं थी। उनका आरोप है कि सपा सरकार ने जानबूझकर संवैधानिक प्रावधानों और आरक्षण नीति की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि यह न केवल अमानवीय कृत्य था, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आरक्षण नीति पर सीधा प्रहार था।

'कई उम्मीदवारों की हो चुकी है मृत्यु, कुछ गंभीर बीमार'

चंद्रशेखर ने पत्र में यह भी बताया कि चयन के 12 साल बाद भी नियुक्ति नहीं मिलने के कारण इनमें से कई अभ्यर्थियों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि कुछ लोग गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने इसे दलित समाज के साथ अन्याय की पराकाष्ठा करार दिया।

सपा पर पुराने आरोप भी दोहराए

सांसद चंद्रशेखर ने सपा की छात्र इकाई ‘लोहिया वाहिनी’ पर भी निशाना साधा और याद दिलाया कि अतीत में इस संगठन पर बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर उस पर अखिलेश यादव का चेहरा चिपकाने का आरोप लग चुका है। यह मामला एससी/एसटी आयोग तक पहुंचा था और संबंधित धाराओं में एफआईआर भी दर्ज की गई थी।

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