रांची। ईडी के समन की अवहेलना से जुड़े केस में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुधवार को रांची की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इस कोर्ट ने व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने से छूट की मांग वाली उनकी याचिका 25 नवंबर को खारिज कर दी थी और उन्हें 4 दिसंबर को पेश होने का आदेश दिया था। हेमंत सोरेन ने इस आदेश को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
हेमंत सोरेन के अधिवक्ता पीयूष चित्रेश, दीपांकर रॉय और श्रेय मिश्रा के जरिए हाईकोर्ट में दाखिल याचिका हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की बेंच में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो गई है।
ईडी की ओर से सीजेएम कोर्ट में हेमंत सोरेन के खिलाफ 19 फरवरी, 2024 को शिकायतवाद दर्ज कराया गया था। इसमें एजेंसी ने बताया है कि जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को दस समन भेजे गए थे, लेकिन इनमें से मात्र दो समन पर वह उपस्थित हुए। यह पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 63 एवं आईपीसी की धारा 174 के तहत गैरकानूनी है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद 4 मार्च को संज्ञान लिया था।
बाद में यह मामला एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके बाद हेमंत सोरेन ने 5 जुलाई को याचिका दाखिल कर दरख्वास्त की थी कि ईडी की ओर से समन अवहेलना का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ जो शिकायत वाद दायर किया गया है, उसमें सुनवाई के दौरान उन्हें व्यक्तिगत तौर पर उपस्थिति से छूट दी जाए। एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश सार्थक शर्मा की अदालत ने उनकी यह याचिका खारिज कर दी थी।
रांची के बड़गाईं अंचल से संबंधित जमीन घोटाले को लेकर ईडी ने हेमंत सोरेन को पहली बार 14 अगस्त 2023 को हाजिर होने के लिए समन भेजा गया था। इसके बाद इसी वर्ष उन्हें 19 अगस्त, 1 सितंबर, 17 सितंबर, 26 सितंबर, 11 दिसंबर, 29 दिसंबर को और 2024 में 13 जनवरी, 22 जनवरी और 27 जनवरी को समन भेजे गए थे। दसवें समन पर उनसे 31 जनवरी को पूछताछ हुई थी और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
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