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MP: रीवा की छात्रा वैष्णवी की रील से जागा प्रशासन, टूटी सड़क पर स्कूल जाते बच्चों का वीडियो हुआ वायरल

भोपाल। मध्य प्रदेश के रीवा जिले के अमाव गांव की एक स्कूली छात्रा वैष्णवी ने गांव की जर्जर सड़कों और कीचड़ से भरे रास्तों पर रोज़ स्कूल जाते बच्चों की स्थिति को जब अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया, तो शायद उसने भी नहीं सोचा होगा कि उसका यह छोटा-सा प्रयास पूरे जिले के प्रशासन को झकझोर देगा। वैष्णवी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो रील साझा की, जिसमें बच्चे नालों और कीचड़ से गुजरते हुए स्कूल जाते दिख रहे थे। इस वीडियो में उसने स्थानीय प्रशासन और क्षेत्रीय विधायक से गांव में सड़क निर्माण की गुहार लगाई। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया और हजारों लोगों तक पहुंचा।

कलेक्टर ने लिया संज्ञान

वीडियो की गूंज सीधे रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल और त्योंथर के भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी तक जा पहुंची। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को गांव की सड़क का निरीक्षण कराने और निर्माण प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। प्रशासन के इस सक्रिय रवैये के बाद ग्रामीणों में उम्मीद की किरण जगी है। यह मामला केवल एक सड़क की मांग से जुड़ा नहीं था, बल्कि यह उस बदलाव की शुरुआत थी जिसमें ग्रामीण छात्राओं की आवाज सीधे प्रशासन तक पहुंची और उस पर कार्रवाई भी हुई। वैष्णवी का यह प्रयास उन सभी बच्चों की ओर से था, जिन्हें हर दिन अपनी शिक्षा तक पहुंचने के लिए दुर्गम रास्तों से गुजरना पड़ता है।

लीला ने भी गर्भवती महिलाओं के साथ बनाया था वीडियो

इससे पहले भी एक ऐसा ही उदाहरण सीधी जिले के छोटी खड्डी गांव की लीला साहू ने पेश किया था। लीला ने गर्भावस्था की अवस्था में उसी टूटे और उबड़-खाबड़ रास्ते पर खड़े होकर एक वीडियो बनाया था, जिसमें उसने सांसद राजेश मिश्रा से सड़क बनवाने की मांग की थी। पहले उन्होंने सांसद से सीधे तौर पर गुहार लगाई थी, लेकिन जब आश्वासन के बावजूद सड़क नहीं बनी, तो उन्होंने दोबारा वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर साझा किया। उस वीडियो ने भी व्यापक प्रभाव डाला था और पूरे देश का ध्यान सीधी जिले की सड़क समस्याओं की ओर खींचा था।

इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि सोशल मीडिया अब ग्रामीणों के लिए सिर्फ मनोरंजन या संपर्क का माध्यम नहीं रहा, बल्कि यह एक प्रभावशाली शिकायत मंच बन गया है, जहां से सीधे शासन और प्रशासन तक आवाज पहुंचाई जा सकती है।

कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल

प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कमलेश्वर पटेल ने भी जनता से सीधे जुड़ने की कोशिश करते हुए एक विशेष अभियान शुरू किया है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे अपने गांव या मोहल्ले की टूटी सड़कों, जर्जर शासकीय भवनों और अन्य उपेक्षित सुविधाओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर ‘#VikasKahaHai’ हैशटैग के साथ साझा करें। उन्होंने कहा कि जब जनता भागीदार बनेगी, तभी शासन और प्रशासन को नींद से जगाया जा सकता है।

रीवा की वैष्णवी और सीधी की लीला जैसी छात्राओं के उदाहरण यह दर्शाते हैं कि ग्रामीण भारत की बेटियां अब सिर्फ पढ़ाई में नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की ध्वजवाहक भी बन रही हैं। वे अब खुद को लाचार मानने के बजाय, सवाल पूछने और जवाब मांगने की ताकत से लैस हो रही हैं। यह एक सकारात्मक संकेत है कि जनसुनवाई के पुराने रास्तों के साथ-साथ नई पीढ़ी अब डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर अपनी समस्याओं को सामने लाने में सक्षम हो रही है।

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