जयपुर/भीलवाड़ा – राजस्थान में अफसरशाही की हनक का एक और काला अध्याय सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाया है। प्रतापगढ़ जिले में तैनात उपखंड अधिकारी (SDM) छोटूलाल शर्मा, जिन्होंने भीलवाड़ा के एक सीएनजी पंप पर कतार तोड़ने को लेकर एक कर्मचारी को थप्पड़ जड़ दिया था, को गुरुवार देर रात निलंबित कर दिया गया। कार्मिक विभाग ने आदेश जारी करते हुए उनके मुख्यालय को जयपुर सचिवालय में अटैच कर दिया है। यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर छाए #JusticeForPumpWorkers और #SuspendChhotuLalSharma जैसे हैशटैग्स के दबाव में की गई, जहां लाखों यूजर्स ने अफसरों की मनमानी पर सवाल उठाए। घटना का सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया, जिसमें अफसर की कथित पत्नी दीपिका व्यास की शिकायत को 'बचाव का हथियार' बताया जा रहा है।
यह पूरी घटना 20 अक्टूबर को भीलवाड़ा जिले के रायला थाना क्षेत्र में अजमेर-भीलवाड़ा नेशनल हाईवे पर स्थित जसवंतपुरा सीएनजी पेट्रोल पंप पर घटी। वर्तमान में प्रतापगढ़ जिले के सहायक निदेशक (लोक स्वास्थ्य) के पद पर तैनात RAS अधिकारी छोटूलाल शर्मा अपनी सफेद एसयूवी में दीपिका व्यास और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ईंधन भरने पहुंचे थे। शर्मा की गाड़ी के पीछे एक अन्य कार आ गई, जिसे कर्मचारी दीपक माली ने पहले फ्यूल भरना शुरू कर दिया। यह देखकर शर्मा भड़क उठे। वे गाड़ी से उतरे और जोर-जोर से चिल्लाने लगे, "मैं यहां का SDM हूं! मेरी गाड़ी पहले आई थी!"
पेट्रोल पंप के कर्मचारी दीपक माली (28 वर्ष), प्रभु लाल कुमावत (32 वर्ष) और राजा शर्मा (25 वर्ष) ने स्पष्ट किया कि वे वाहनों को आने के क्रम में ही सर्विस दे रहे थे, लेकिन शर्मा ने इसका कोई महत्व नहीं दिया। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई देता है कि शर्मा ने दीपक माली को कॉलर से पकड़ लिया, उसे जोर से धक्का दिया और चेहरे पर एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। खुद को बचाने के लिए माली ने भी जवाबी कार्रवाई में शर्मा को एक थप्पड़ मारा, जिसके बाद अन्य दो कर्मचारी बीच-बचाव के लिए दौड़े। पूरा हंगामा महज दो मिनट से कम समय में शांत हो गया, लेकिन इस दौरान दीपिका व्यास भी गाड़ी से उतर आईं और कर्मचारियों पर गालियां बरसाते हुए चिल्लाईं, "इनको सबक सिखा दो!"
पंप पर मौजूद अन्य ग्राहकों ने मोबाइल से इस घटना को रिकॉर्ड कर लिया, जो सीसीटीवी के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। फुटेज में कहीं भी कर्मचारियों की ओर से कोई उकसावा नजर नहीं आता, बल्कि यह शर्मा की ही आक्रामकता को उजागर करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह 'वीआईपी कल्चर' का नंगा रूप है, जहां अफसर कतार तोड़ने का हक समझते हैं।
भीलवाड़ा SDM छोटू लाल शर्मा की पत्नी ने रायला पुलिस को दी रिपोर्ट -
— Adv Jayant Moon (@jayantmoond) October 23, 2025
लिखा कि "पेट्रोल पंप कर्मी ने मेरे को आंख मारी और कहा कि क्या माल लग रही है!"
अब ज़रा सोचिए...
जब SDM की पत्नी इतनी हल्की और बेसिरपैर शिकायत दर्ज करा सकती है तो आम आदमी पर थाने में रोज़ कितने झूठे इल्ज़ाम… pic.twitter.com/jENcluh3DI
दीपिका व्यास की शिकायत: 'आंख मारी और गंदी टिप्पणी' का दावा, लेकिन फुटेज में कोई सबूत नहीं
घटना के तुरंत बाद, शाम होते-होते दीपिका व्यास ने रायला थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने दावा किया कि दीपक माली ने उन्हें 'आंख मारी' और अश्लील टिप्पणी की, "क्या माल लग रही हो?" जिससे उनके पति 'उत्तेजित' हो गए। इस शिकायत के आधार पर तीनों कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।
लेकिन सीसीटीवी फुटेज इस दावे का खंडन करता है। वीडियो में कहीं भी ऐसी कोई हरकत नजर नहीं आती, जिससे सोशल मीडिया पर इसे 'बचाव का बहाना' करार दिया गया। यूजर्स ने इसे 'ब्रह्मास्त्र' नाम दिया, कहते हुए कि लिंग-आधारित कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है। बाद में, तीनों कर्मचारियों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया, लेकिन जमानत पर रिहा कर दिया गया। अब सवाल उठ रहा है कि क्या दीपिका व्यास वास्तव में शर्मा की पत्नी हैं? सोशल मीडिया पर दावे हैं कि शर्मा की पहली पत्नी पूनम झखोदिया हैं, जिन्हें उन्होंने नौकरी मिलने के बाद छोड़ दिया था।
वीडियो वायरल होते ही एक्स (पूर्व ट्विटर), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर हंगामा मच गया। #BhilwaraSDM और #ThappadKand जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे, जहां विपक्षी नेता टीकाराम जूली ने भीलवाड़ा एसपी से निष्पक्ष जांच की मांग की। एनसीएम इंडिया जैसे संगठनों ने गिरफ्तारी की मांग की, जबकि यूजर्स ने लिखा, "अफसर गरीबों को सिखाने चले हैं, लेकिन कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए।" 24 घंटों में 50,000 से ज्यादा पोस्ट्स हुए, जिनमें शर्मा के पिछले विवादों, जैसे बाढ़ राहत में लापरवाही के कारण तीन बार हटाए जाना आदि को भी उछाला गया।
एक यूजर ने लिखा, "पंप वर्कर ने आत्मरक्षा की, लेकिन जेल भेज दिया। SDM ने हमला किया, तो सस्पेंड? न्याय का यह दोहरा मापदंड कब बदलेगा?
दबाव में सस्पेंशन, लेकिन गिरफ्तारी की मांग बरकरार
सोशल मीडिया के दबाव और मीडिया कवरेज के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने देर रात कार्मिक विभाग के माध्यम से निलंबन आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया कि शर्मा का मुख्यालय जयपुर में रहेगा और विभागीय जांच होगी।
यह सस्पेंशन राजस्थान में अफसरों की जवाबदेही पर सवालों का जवाब माना जा रहा है, जहां पिछले साल कई मामलों में देरी हुई। कर्मचारियों के परिवारों ने राहत की सांस ली, लेकिन मांग की कि मुआवजा और SDM की गिरफ्तारी हो। यह घटना राजस्थान की सामंती मानसिकता को उजागर करती है, जहां RAS जैसे अधिकारी 'राजा' बन जाते हैं। सोशल मीडिया ने एक बार फिर साबित किया कि वायरल ट्रुथ सरकार को झुकने पर मजबूर कर सकती है। लेकिन सवाल बाकी है: क्या यह सस्पेंशन न्याय का अंतिम अध्याय है, या सिर्फ शुरुआत?