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Ex IRS अफसर और डोमा परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदित राज के घर से सामान फेंका: बोले- 'दलित-पिछड़ों की आवाज उठाने की कीमत चुकानी पड़ रही है'

नई दिल्ली- पूर्व भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी और असंगठित श्रमिक एवं कर्मचारी कांग्रेस (केजेके) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदित राज के आवास से जबरन उनका सामान सड़क पर फेंक दिया गया। उन्होंने दावा किया कि यह कार्रवाई अदालत के नोटिस के बावजूद की गई है, जो दलित और पिछड़े वर्गों की आवाज उठाने वाले एक विपक्षी नेता को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा लगती है। राज ने कहा, "हम खुद अपने घर का सामान निकाल रहे हैं ताकि सुरक्षित रहे, लेकिन अधिकारी जबरदस्ती कर रहे हैं।"

दलित/ओबीसी/अल्पसंख्यक/आदिवासी संगठनों के कन्फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदित राज ने बताया कि उनका निवास स्थान सी-1/38, पंडारा पार्क, उनकी पत्नी सीमा राज के नाम पर आवंटित है। सीमा राज सेवानिवृत्त हैं और दंपति निजी आवास की तलाश में हैं।

राज ने कहा कि उनके ससुर के लंबे समय तक बीमार रहने और निधन के कारण केवल पांच महीने का अतिरिक्त समय लिया गया था। उन्होंने कहा , "नवंबर के अंत तक हम अपना नया घर लेने वाले हैं। यहां का किराया इतना अधिक है कि हम मजबूरी में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि निवास खाली करने के लिए एक महीने के अतिरिक्त समय के लिए कोर्ट के माध्यम से मोहलत मांगी गई है और 28 अक्टूबर को इसकी सुनवाई है, लेकिन कोर्ट के नोटिस के बावजूद भाजपा के नेताओं के इशारे पर आज जबरदस्ती सामान रोड पर फेंका जा रहा है।"

गुरुवार को संपदा निदेशालय (Directorate of Estates) , शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकारियों ने उनके घर पहुंचकर सूचित किया कि शुक्रवार सुबह बेदखली की जाएगी। अधिकारियों ने सलाह दी कि मंत्रालय के निदेशक या संयुक्त सचिव से बात करें, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। राज की पत्नी ने मंत्रालय को पत्र लिखकर थोड़े समय के विस्तार की गुहार लगाई थी।

आपको बता दें, श्रीमती सीमा राज ने पटियाला हाउस कोर्ट में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष अपील दायर की, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। कोर्ट ने निदेशालय को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर को निर्धारित की। बावजूद इसके डॉ राज के अनुसार, भाजपा नेताओं के इशारे पर आज जबरन सामान सड़क पर फेंक दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि निदेशालय छुट्टियों के दौरान जबरन बेदखली कर रहा है ताकि कोई उपाय न हो सके।

राज ने सवाल उठाया, "कई लोग बेतुके बहानों पर विशाल बंगलों में रह रहे हैं, लेकिन हमें क्यों निशाना बनाया जा रहा है? क्या जल्दबाजी क्यों है? मैं सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई में एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा।" उन्होंने शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। राज ने इसे वर्तमान व्यवस्था में ऊपरी जाति वाले वर्गों की साजिश करार दिया, जो निचली जाति के नेता को दबाने का प्रयास कर रहा है।

उदित राज लंबे समय से दलित, पिछड़े और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं। वे विपक्षी दलों के साथ सक्रिय हैं और बढ़ती जातिगत हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे हैं। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है, जहां विपक्षी नेता इसे 'चुनिंदा उत्पीड़न' बता रहे हैं। निदेशालय ऑफ एस्टेट्स ने अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।

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