उत्तर प्रदेश: युवाओं को तकनीकी रूप से योग्य बनाने के लिए योगी सरकार ने राजकीय एवं निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को विकल्प चुनने की छूट प्रदान की है। 2024-25 के साथ आगामी सत्रों के लिए इन संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया को संशोधित किया गया है। इसके अनुसार अब अभ्यर्थी अपनी स्वेच्छा से ग्रुप ए एवं बी राजकीय व निजी आईटीआई के वरीयता क्रम में प्रदेश के किसी भी जनपद, संस्थान एवं पाठ्यक्रम का विकल्प दे सकेंगे।
पहले जो व्यवस्था थी, उसमें राजकीय आईटीआई में प्रवेश के लिए अधिकतम 3 जनपदों, 6 संस्थानों और 10 व्यवसाय का विकल्प दे सकते थे, जबकि निजी आईटीआई के लिए यह सीमा 3 जनपदों के अधिकतम 25 संस्थानों तक थी।
प्रदेश के कौशल विकास, व्यावसायिक शिक्षा और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि संशोधित प्रवेश प्रक्रिया के तहत शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए जो व्यवस्था निर्धारित की गई है उसके अनुसार अभ्यर्थी द्वारा स्वेच्छा से ग्रुप ए एवं बी राजकीय आईटीआई व निजी आईटीआई के वरीयता क्रम में प्रदेश के किसी भी जनपद, संस्थान, व्यवसाय एवं पाठ्यक्रम का विकल्प जोड़ने की सुविधा प्राप्त होगी।
शैक्षिक योग्यता की मेरिट के आधार पर सभी चार चरणों में आनलाइन सीटों के आवंटन की प्रक्रिया में भी संशोधन किया गया है।
प्रवेश प्रक्रिया के दूसरे चरण में राजकीय व निजी आईटीआई में प्रथम चरण में प्रवेश लेने वाले ऐसे अभ्यर्थियों को जिन्हें अपने उच्च विकल्प के जनपद, संस्थान, व्यवसाय एवं पाठ्यक्रम नहीं प्राप्त हुए, लेकिन प्रथम चरण में कुछ अभ्यर्थियों के प्रवेश न लेने के कारण उन्हें उनके उच्च विकल्पों में प्रवेश का अवसर मिल सकता है। ऐसे अभ्यर्थी यदि अपने विकल्प में बदलाव चाहेंगे तो सीट रिक्त होने पर राजकीय संस्थान में प्रवेशित अभ्यर्थी को राजकीय में और निजी संस्थान में अभ्यर्थी को अपग्रेडेशन का अवसर प्राप्त होगा।