क्या आपके बच्चे की पढ़ाई रुक जाएगी? यूपी बोर्ड ने कक्षा 9-11 के लिए लगाया नया अनिवार्य नियम!

11:09 AM Jul 16, 2025 | Rajan Chaudhary

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने कक्षा 9 और 11 में पंजीकरण के लिए पहली बार पर्मानेंट एजुकेशन नंबर (PEN) अनिवार्य कर दिया है। यह नियम बोर्ड से संबद्ध 28,000 से अधिक स्कूलों में लागू होगा। PEN के अलावा छात्रों को ऑनलाइन अग्रिम पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान अपने स्कूल रजिस्ट्रेशन नंबर (SR या स्कॉलर रजिस्टर) की फोटो भी अपलोड करनी होगी।

PEN छात्रों को दिया जाने वाला एक अद्वितीय पहचान संख्या है, जो उनकी शैक्षणिक पीरियड के दौरान स्थायी पहचान के रूप में काम करती है। इसका उद्देश्य छात्रों के रिकॉर्ड को प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक आसानी से ट्रैक करना और शैक्षणिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, PEN अनिवार्य करने का मकसद छात्र पहचान को मजबूत करना और रिकॉर्ड को बेहतर ढंग से सुरक्षित रखना है। वहीं, SR नंबर की अनिवार्यता फर्जी पंजीकरण को रोकने के लिए लाई गई है ताकि केवल वास्तविक छात्र ही इन अहम कक्षाओं में प्रवेश ले सकें।

हालांकि, इस नए नियम को लेकर अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन में चिंता बढ़ गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कक्षा 9 और 11 में प्रवेश लेने वाले करीब 50% छात्रों के पास फिलहाल PEN नहीं है। सरकारी और परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकतर छात्रों को PEN जारी किया जा चुका है, लेकिन निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बड़ी संख्या में छात्रों के पास यह नंबर नहीं है। इससे अभिभावकों को डर है कि उनके बच्चों की पढ़ाई बाधित हो सकती है।

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यूपी बोर्ड के अपर सचिव (प्रशासन) सत्येंद्र सिंह ने कहा कि PEN प्रणाली छात्रों की पूरी स्कूल जीवन की प्रगति को ट्रैक करने के लिए शुरू की गई है।

हालांकि, इस नीति की शिक्षकों के संगठन और शिक्षाविदों ने आलोचना भी की है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधान परिषद सदस्य (MLC) सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इस समय PEN अनिवार्य करना उचित नहीं है क्योंकि सभी छात्रों के पास यह नंबर अभी उपलब्ध नहीं है।

कक्षा 9 और 11 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 2 जुलाई से शुरू हो गई है और 5 अगस्त तक जारी रहेगी।

गौरतलब है कि दो साल पहले यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के पंजीकरण में आधार कार्ड को भी अनिवार्य कर दिया था। लेकिन छात्रों के हितों को देखते हुए और विरोध के बाद बोर्ड को अपना फैसला वापस लेना पड़ा और आधार को फिर से वैकल्पिक कर दिया गया।