बेलगावी (कर्नाटक): दलित छात्र परिषद ने गुरुवार को बेलगावी के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आंतरिक आरक्षण को तुरंत लागू करने और सरकारी नौकरियों में नई भर्तियों के लिए अधिसूचना जारी करने की मांग की।
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि बीते तीन दशकों से अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यक समुदायों के युवाओं को आंतरिक आरक्षण के लाभ से वंचित रखा गया है। इस विलंब के कारण लाखों युवा बेरोजगार हैं और सरकारी भर्तियों के अवसर लगातार घटते जा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि जिन अभ्यर्थियों की उम्र भर्ती में देरी के कारण निर्धारित सीमा से अधिक हो चुकी है, उन्हें उम्र में छूट दी जाए, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रह सके।
छात्रों ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “सरकार केवल आंतरिक आरक्षण को लागू करने की बात कहकर समय बर्बाद कर रही है। यह रवैया निंदनीय है और इससे सामाजिक न्याय की भावना को ठेस पहुंच रही है।”
इस प्रदर्शन में बलराज कांबले, अजीत मदार, आदर्श गस्ती, अक्षय कुमार आजमानी, संदीप आयहोले और शिवम कांबले जैसे प्रमुख छात्र नेताओं ने भाग लिया और लोगों को संबोधन किया।
छात्रों ने कहा कि यह आंदोलन राज्य सरकार को याद दिलाने की एक और कोशिश है कि जब तक सामाजिक न्याय को व्यवहार में नहीं उतारा जाता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।