उदयपुर- दक्षिणी राजस्थान में उच्च शिक्षा के सबसे बड़े केंद्र मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में मंगलवार को जबरदस्त बवाल हो गया। रिजल्ट्स में धांधली को लेकर प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों को संतोषजनक जवाब देने की बजाय विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर ने कथित तौर पर एक आदिवासी छात्रा को ही गाली दे दी।
वीसी जैसे उच्च पोस्ट और वह भी एक महिला से इस प्रकार की भाषा की उम्मीद स्टूडेंट्स ने भी नहीं की थी और इस वजह से समूचे विद्यार्थी समुदाय का गुस्सा फूटा। एबीवीपी स्टूडेंट्स के साथ एनएसयूआई भी शामिल हुए और सभी ने एक स्वर में कहा वीसी सार्वजनिक रूप से माफी मांगे और अपने पद से इस्तीफा दें।
हुआ यूं कि पिछले कई दिनों से अपने रिजल्ट को लेकर Mohanlal Sukhadia University (एमएलएसयू ) के स्टूडेंट प्रदर्शन कर रहे हैं। रिजल्टस में काफी संख्या में स्टूडेंट्स फ़ैल हो गए थे, कई विद्यार्थियों को जीरो भी मिले जिससे इनमें काफी रोष था। 3 अगस्त को यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से रिजल्ट को website से हटा दिया गया, लेकिन 6 तारीख को फिर से पुराने रिजल्ट को ही जारी कर दिया गया।
इसके बाद सोमवार से जोरदार प्रदर्शन फिर से शुरू हो गया। मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने वीसी से संपर्क करने की कोशिश की तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ आया। इस पर सराडा सरकारी कॉलेज की स्टूडेंट रीना खराड़ी ने वीसी को व्हाट्सएप पर मैसेज करते हुए लिखा कि-मैडम दलाली बंद करो, रिजल्ट जारी करो। इस पर वीसी का रिप्लाई आया-"ह#$*दी". यह देख कर सभी स्टूडेंट भोचक्के रह गए। घटना के बाद सभी छात्र गुस्से से आग बबूला हो गए, प्रदर्शन उग्र हो गया। छात्र प्रताप नगर थाने पर पहुंचे जहां थाने का घेराव किया और यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर सुनीता मिश्रा के खिलाफ मामला परिवाद दिया।

इस मामले में सुखाडिया विवि के छात्र संघ अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने कहा कि इस सरकारी विवि में पढने वाले 70 फीसदी स्टूडेंट्स मध्यम और गरीब परिवारों से आते हैं. रिजल्ट्स को लेकर धांधली की शिकायत पर मंगलवार को काफी तादाद ने स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे. कुलदीप ने बताया की मैडम यूनिवर्सिटी में नहीं थी, जब उन्हें फोन लगाया गया तो उन्होंने बेहद बदतमीजी से जवाब देते हुए कहा- तुझे देख लूंगी. उसके बाद कुलदीप के कहने पर ही एक छात्रा ने उन्हें मेसेज किया जिसपर कुलपति ने जवाब में गाली दी जो घोर आपत्तिजनक है. एबीवीपी ने रौनक राज सिंह शक्तावत ने कहा कि जिस प्रकार के शब्द कुलपति ने इस्तेमाल किये हैं वो आदिवासी बहन को अपमानित करने वाले हैं , आगे हम पुलिस से कारवाई की मांग करेंगे और जरूरत हुई तो न्याय के लिए कोर्ट भी जायेंगे.
मीरा कॉलेज की स्टूडेंट्स यूनियन की प्रेसिडेंट किरण वैष्णव ने कुलपति के व्यवहार और भाषा की कड़े शब्दों में निन्दा की और कहा कि यह केवल एक छात्रा का नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी में पढने वाली सभी छात्राओं का अपमान है, हम इसपर कारवाई की मांग करते हैं.
इधर, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष डॉ. मोहित नायक ने कहा कि " भाषायी मर्यादा खोकर मेवाड़ की आदिवासी बेटी का अपमान करने वाली वीसी को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। यह मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की गरिमा को कलंकित करने का कृत्य है। वीसी को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। साथ ही ऐसी गालीबाज वीसी को कोई अधिकार नहीं रह जाता है कि वह 15 अगस्त को पवित्र तिरंगा फहराकर भाषण दें। छात्र संगठन की ओर से वीसी को 15 अगस्त को तिरंगा नहीं फहराने दिया जाएगा। जो आदिवासी छात्रों का सम्मान नहीं कर सकता वो देश का सम्मान नहीं कर सकता। हमारी आदिवासी बहिन रीना खराड़ी इस बान तिरंगा फहराएगी। वीसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।"

वीसी ने कहा- मैंने नहीं भेजा कोई मैसेज, छवि खराब करने की कोशिश
इस समूचे प्रकरण पर अपना पक्ष रखते हुए कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने कहा - " मैंने इस तरह का कोई मैसेज किसी को नहीं भेजा। यह किसी की शरारत लगती है क्योंकि इस संदेश में किसी का मोबाइल नंबर भी नहीं दिख रहा है। मेरा फोटो लगा लगाकर किसी अन्य नंबर से इस तरह का मैसेज भेज कर मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। इसकी जांच करवाई जाएगी और इस तरह की छवि खराब करने वालों के खिलाफ समुचित कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।" द मूकनायक को दिए जवाब में प्रो. मिश्रा ने यह भी कहा कि मैं बहुत स्टूडेंट फ्रेंडली हूँ लेकिन मैं कभी किसी को इस प्रकार के शब्द नहीं लिख सकती. मेरा फोन ही स्विच ऑफ था तो मेसेज कैसे कर सकती हूँ?