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पुलिस ने दलितों को सरेआम पीटा, अब अपराधियों के घर पहुंचकर आंसू बहा रहे हैं जगन!

तेनाली (आंध्र प्रदेश) — आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के अध्यक्ष वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की तेनाली यात्रा को लेकर मंगलवार को स्थानीय दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। यह यात्रा उन तीन युवकों के परिवारों से मुलाकात के लिए की गई थी, जिन्हें 26 अप्रैल को कथित रूप से पुलिस द्वारा सार्वजनिक रूप से पीटा गया था।

पीड़ित युवक — चेब्रोलु जॉन विक्टर (25), शेख बाबूलाल उर्फ करीमुल्ला (21) तेनाली से और दोमा राकेश (25) मंगलगिरी से — सभी सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों से आते हैं। इनकी पिटाई का एक वीडियो 26 मई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद मानवाधिकार संगठनों और वाईएसआरसीपी ने घटना की कड़ी निंदा की थी।

यह मामला 25 अप्रैल को दर्ज एक एफआईआर से जुड़ा है, जिसमें कांस्टेबल कन्ना चिरंजीवी ने तीनों युवकों पर पिछले दिन रात को आपसी रंजिश और ड्रग्स केस में काउंसलिंग के लिए बुलाने को लेकर हमला करने का आरोप लगाया था।

जगन ने पीड़ित परिवारों से मिलकर मीडिया को बताया, “अगर इन युवकों ने कोई अपराध किया है, तो उन्हें गिरफ़्तार कर कोर्ट में पेश किया जाना चाहिए था। पुलिस को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।”

हालांकि, जगन की इस यात्रा से तेनाली में तनाव का माहौल बन गया। कई दलित और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बाजार चौक पर मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया।

एक दलित कार्यकर्ता ने कहा, “जब वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान इसी तेनाली में दलित युवक नुथक्की किरण की हत्या हुई थी, तब जगन उसके परिवार से मिलने तक नहीं गए। अब वह असामाजिक तत्वों के समर्थन में खड़े हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”

जगन की इस यात्रा पर टीडीपी ने तीखा हमला बोला। टीडीपी विधायक एम.एस. राजू ने कहा, “एक पूर्व मुख्यमंत्री का गुंडों, ड्रग्स से जुड़े लोगों और समाज विरोधी तत्वों के परिवारों से मिलने जाना शर्मनाक है। उन्होंने आज तक किसी स्वतंत्रता सेनानी या देशभक्त के परिवार को सांत्वना नहीं दी।”

राजू ने आरोप लगाया कि जगन के शासनकाल में दलितों पर अत्याचार हुए, लेकिन उन्होंने कभी हस्तक्षेप नहीं किया। उन्होंने पूछा, “जब वाईएसआरसीपी एमएलसी अनंता बाबू ने ड्राइवर सुब्रह्मण्यम की हत्या कर शव उसके घर पहुंचा दिया था, तब जगन क्या कर रहे थे? कोविड महामारी के दौरान सिर्फ़ मास्क की मांग करने पर दलित डॉक्टर सुधाकर को पुलिस ने पीटा, तब वह कहां थे?”

टीडीपी ने उन तीनों युवकों के खिलाफ दर्ज मामलों की सूची भी जारी की:

  • जॉन विक्टर: 9 मामले, जिनमें शराब तस्करी, चोरी, अपहरण, धोखाधड़ी, हमला और हत्या का प्रयास शामिल हैं।

  • दोमा राकेश: महिलाओं से छेड़छाड़, अपहरण, चोरी, हमला और हत्या की कोशिश के आरोप।

  • करीमुल्ला: पुलिस कांस्टेबल पर हत्या के प्रयास का आरोपी।

जगन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि टीडीपी सरकार पुलिस का दुरुपयोग कर वाईएसआरसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर फर्जी केस दर्ज करवा रही है। उन्होंने कहा, “अब मासूम युवाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। जनता के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है।”

पूर्व मंत्री और टीडीपी विधायक नक्का आनंद बाबू ने भी जगन की यात्रा की निंदा करते हुए कहा, “गांजा बेचने वालों और असामाजिक तत्वों का समर्थन करना बेहद शर्मनाक है।”

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