उत्तर प्रदेश— इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अंतर्जातीय विवाह करने वाले नवविवाहित जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश देते हुए बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि यदि लड़की के परिवार की ओर से किसी भी प्रकार की बाधा या नुकसान होता है तो SSP व्यक्तिगत रूप से इसके लिए जिम्मेदार माने जाएंगे।
यह आदेश जस्टिस जे.जे. मुनीर ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें 24 वर्षीय युवती और उसके 26 वर्षीय पति ने FIR रद्द करने और सुरक्षा की मांग की थी। युवती ने कोर्ट में यह भी आशंका जताई थी कि उसके परिवार की ओर से उनके 'ऑनर किलिंग' (सम्मान के नाम पर हत्या) की साजिश की जा सकती है।
मामला बुलंदशहर के खुर्जा थाने में मई माह में दर्ज हुआ था, जिसमें लड़की के पिता ने आरोप लगाया था कि ऊंची जाति के युवक ने उनकी बेटी का अपहरण किया और आर्य समाज मंदिर में जबरन शादी कर ली। शिकायत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 87 (अपहरण) के तहत दर्ज की गई थी।
हालांकि, हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि एक बालिग महिला को अपने जीवनसाथी का चयन करने का पूर्ण अधिकार है। कोर्ट ने युवक की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए SSP को आदेश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि किसी भी तरह से नवविवाहित जोड़े के वैवाहिक जीवन में कोई हस्तक्षेप न हो।