+

MP News: गुना में ज़मीनी विवाद पर खूनी संघर्ष: दो आदिवासी समुदायों में चले तीर-धनुष, एक की मौत

भोपाल: मध्य प्रदेश के गुना जिले में ज़मीन को लेकर चल रहा एक पुराना विवाद मंगलवार शाम को एक भयानक खूनी संघर्ष में बदल गया। बमोरी के जंगली इलाके में दो आदिवासी समुदाय आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते पूरा इलाका युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया। चक्री गाँव के भील और चिकारी गाँव के भिलाला समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे पर तीर-कमान और गोफन (पत्थर फेंकने वाला यंत्र) से हमला कर दिया। इस हिंसक झड़प के बीच 55 वर्षीय गंगाराम भील की मौत हो गई, उनके सीने में एक तीर धंसा हुआ पाया गया।

क्या है विवाद की जड़?

यह पूरा झगड़ा करीब 60 हेक्टेयर (लगभग 300 बीघा) वन भूमि को लेकर है। भिलाला समुदाय पर आरोप है कि वे इस ज़मीन पर कब्ज़ा कर रहे हैं, जबकि भील समुदाय का दावा है कि यह ज़मीन उनके गाँव के नज़दीक है, इसलिए इस पर उनका अधिकार है। चक्री और चिकारी गाँव एक-दूसरे के पास ही स्थित हैं और दोनों समुदायों के कई परिवार इस ज़मीन से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं, जिसके कारण यहाँ तनाव हमेशा बना रहता है। ये गाँव इतने सुदूर इलाके में हैं कि इनकी सीमा राजस्थान से लगती है और ये जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर हैं।

पंचायत में बिगड़ी बात और शुरू हो गया विवाद

मंगलवार को वन विभाग के अधिकारियों ने दोनों पक्षों में समझौता कराने के उद्देश्य से एक पंचायत बुलाई थी। लेकिन शाम करीब 5 बजे बातचीत विफल हो गई और माहौल गरमा गया। इसके तुरंत बाद जंगल का वह शांत इलाका चीख-पुकार और हथियारों की आवाज़ से गूंज उठा। चश्मदीदों के अनुसार, लगभग 300-400 लोगों की भीड़ एक-दूसरे पर टूट पड़ी, हवा में तीर सनसना रहे थे और गोफन से पत्थर बरसाए जा रहे थे। यह दृश्य किसी मध्ययुगीन युद्ध जैसा था।

रात भर गाँव में पड़ा रहा शव

इस भगदड़ और हिंसा के बीच गंगाराम भील ज़मीन पर गिर पड़े और उनकी मौत हो गई। शाम ढलने और तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए अधिकारियों ने रात में शव को गाँव से निकालने का जोखिम नहीं उठाया। गंगाराम का शव रात भर गाँव में ही रहा, जिसके चारों ओर उनके परिजन और गाँव वाले विलाप करते रहे। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें गंगाराम के शव के पास महिलाएँ रोती-बिलखती दिख रही हैं।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

गुना के एसपी अंकित सोनी ने बताया, "अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मौत तीर लगने से हुई या पत्थर लगने से। जहाँ तीर लगा था, वहाँ खून के निशान नहीं मिले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है, जिसके बाद ही मौत का सही कारण पता चलेगा।"

किसी भी तरह की और हिंसा को रोकने के लिए एसडीएम, तहसीलदार और एसडीपीओ सहित एक बड़ी पुलिस टीम ने रात भर घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर डेरा डाले रखा। बुधवार सुबह 9 बजे पुलिस की सुरक्षा में एक एम्बुलेंस गाँव पहुँची और शव को पोस्टमार्टम के लिए बमोरी अस्पताल ले जाया गया।

इस मामले पर जिला कलेक्टर किशोर कन्याल ने कहा, "विवाद 300 बीघा वन भूमि का है। अधिकारियों ने पंचायत बुलाई थी, लेकिन स्थिति हिंसक हो गई। हम इस मुद्दे को हल करने का प्रयास कर रहे हैं और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।"

एसपी सोनी के अनुसार, भिलाला समुदाय के 16 लोगों के खिलाफ हत्या और दंगा करने का मामला दर्ज किया गया है। इनमें से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने मौके से एक भरमार बंदूक, तीन ट्रैक्टर और 12 बाइक भी ज़ब्त की हैं। फिलहाल, दूसरे पक्ष की तरफ से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।

Trending :
facebook twitter