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यूपी: दलित और पिछड़ों में क्यों पैठ बनाना चाहता है संघ, जानिए क्या है कारण?

लखनऊ। अनुषंगी संगठन भारतीय जनता पार्टी को यूपी लोकसभा चुनावों में आशा अनुरूप परिणाम नहीं मिलने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस) ने अपनी गतिविधियों में तेजी लाई है। चुनाव समाप्त होने के साथ ही आरएसएस अपने वार्षिक कार्यक्रमों की तैयारियों में जुट गया है। इसी कड़ी में गत बुधवार को यहां पूर्वी क्षेत्र के चारों प्रांत के पदाधिकारियों की चार दिवसीय बैठक का आगाज हुआ। इसमें शाखाओं के विस्तार के साथ ही दलितों -पिछड़ों में पैठ बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हुई।

राजधानी के निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित पहले दिन की बैठक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख स्वांत रंजन ने ली। अगले साल संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्व करने के उपलक्ष्य में शताब्दी वर्ष मनाने की तैयारियों के साथ गुरुदक्षिणा कार्यक्रम को लेकर चर्चा हुई।

स्वांत रंजन ने कहा-" सितंबर से शुरू होने वाले संघ के गुरुदक्षिणा कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर सभी पदाधिकारी अभी जुट जाएं। पूरे साल संघ परिवार के विस्तार पर फोकस करना होगा।"

स्वांत रंजन ने शताब्दी वर्ष के दौरान संघ परिवार द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि संघ की शाखाओं का विस्तार और प्रचारकों की संख्या बढ़ाने को लेकर विशेष प्रयास की जरूरत है।

साथ ही सामाजिक समरसता बढ़ाते हुए दलित-पिछड़ों के बीच मजबूत पैठ बनाने को लेकर अभी बहुत काम करने की जरूरत है। बैठक में क्षेत्रीय पदाधिकारियों से भी सुझाव लिए गए। बैठक के पहले दिन में संघ की पूर्वी क्षेत्र के अवध, काशी, गोरक्ष और कानपुर प्रान्त के क्षेत्रीय पदाधिकारी शामिल थे।

दत्तात्रेय होसबाले का संबोधन आज

लोकसभा चुनाव के बाद पहले दौरे पर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले बुधवार की शाम को लखनऊ पहुंच गए हैं। हालांकि पहले दिन की बैठक में वह शामिल नहीं हुए। सूत्रों के मुताबिक सरकार्यवाह बृहस्पतिवार को क्षेत्रीय, विभाग और जिला प्रचारकों को संबोधित करेंगे। सूत्रों का कहना है कि बैठक के समापन के बाद भाजपा और सरकार के साथ समन्वय बैठक भी होगी। इसमें दत्तात्रेय होसबाले भी शामिल हो सकते हैं।

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