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गाय खरीदना पड़ा भारी! ओडिशा में दलित पिता-पुत्र से हुई हैवानियत, नाली का पानी पिलाया और घुटनों पर रेंगवाया

गंजाम (ओडिशा): ओडिशा के दक्षिणी जिले गंजाम के धाराकोट पुलिस थाना क्षेत्र स्थित खरीगुम्मा गांव में रविवार को एक हिंसक भीड़ द्वारा दो दलित पुरुषों के साथ घोर अमानवीय व्यवहार करने का मामला सामने आया है। घटना की एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

पीड़ित बुलू नायक और बाबुला नायक, दोनों सिंगिपुर गांव (धाराकोट ब्लॉक) के निवासी हैं और उनकी उम्र 40 वर्ष के आसपास है। दोनों अपनी बेटी की शादी के लिए दहेज में तीन गाय खरीदकर घर लौट रहे थे, तभी रास्ते में उन्हें एक उग्र भीड़ ने रोक लिया। उन पर गौ-तस्करी का आरोप लगाकर पैसे मांगे गए। पैसे देने से मना करने पर भीड़ ने दोनों के साथ मारपीट की।

इसके बाद उनका आधा सिर मुंडवाया गया, उन्हें खरीगुम्मा से जाहड़ा गांव तक करीब दो किलोमीटर घुटनों के बल रेंगने पर मजबूर किया गया। यही नहीं, उन्हें घास खाने और नाली का पानी पीने के लिए भी बाध्य किया गया।

इस घटना ने देश के अन्य हिस्सों में हुई जातीय उत्पीड़न और गोरक्षा से जुड़े हिंसक मामलों की दर्दनाक यादें ताजा कर दीं। हालांकि ओडिशा में इस तरह की घटनाएं अपेक्षाकृत कम देखने को मिलती रही हैं, लेकिन बीजेपी के पिछले साल पहली बार सत्ता में आने के बाद इस मामले को राजनीतिक रंग मिलने की संभावना है।

गंजाम जिले में 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दोनों लोकसभा सीटें और अधिकांश विधानसभा सीटें जीती थीं, सिवाय बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक के क्षेत्र और कांग्रेस विधायक रमेश जेना के निर्वाचन क्षेत्र के। ताजा दलित उत्पीड़न की घटना जेना के क्षेत्र में हुई है।

गौरतलब है कि गंजाम जिला हाल ही में अपराध से जुड़े अन्य मामलों को लेकर सुर्खियों में रहा है। 15 जून को प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गोपालपुर बीच पर 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया था। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस घटना की निंदा करते हुए राज्य सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर ओडिशा सरकार से रिपोर्ट तलब की थी। उपमुख्यमंत्री प्रवती पारिदा, जो पर्यटन मंत्री भी हैं, ने कहा कि राज्य में प्रमुख पर्यटन स्थलों पर जल्द ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाएगी।

गोपालपुर दुष्कर्म मामले में पीड़िता अपने एक पुरुष मित्र के साथ थी जब उस पर हमला किया गया था। इस मामले में पुलिस ने अब तक दस आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

वहीं, धाराकोट में दलित उत्पीड़न के इस ताजा मामले ने राज्य में कानून-व्यवस्था पर नए सिरे से सवाल खड़े कर दिए हैं। दोनों पीड़ितों को पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है और उनकी लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर औपचारिक जांच शुरू कर दी है। इस घटना से सोशल मीडिया पर गुस्से की लहर है, जबकि नागरिक संगठनों ने दोषियों पर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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