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आंध्र प्रदेश: 10-साल की बच्ची का दर्दनाक हाल, Mobile चोरी के शक में पड़ोसियों ने की ऐसी बर्बरता...

नेल्लोर -  एक हैवानियत भरी घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। नेल्लोर जिले के कुडिथेपालम गांव में महज 10 साल की एक मासूम बच्ची को उसके पड़ोसियों ने गर्म करछुल (चमचा) से जलाकर बुरी तरह घायल कर दिया। बच्ची पर सिर्फ इस शक में यह जुल्म ढाया गया कि उसने एक मोबाइल फोन चुराया था।

यह बच्ची अपनी मौसी सन्नारी माणिक्यम के साथ रह रही थी, क्योंकि उसकी अपनी मां वेंकट रमणम्मा ने उसे छोटी उम्र में ही छोड़ दिया था। मां ने दूसरी शादी कर ली और बच्ची को अपनी बहन के पास छोड़कर चली गई। बच्ची बिना मां-बाप के प्यार के मौसी के घर पर पल रही थी।

रविवार को गांव के कुछ लोगों को शक हुआ कि बच्ची ने एक मोबाइल फोन चुराया है। इसके बाद पड़ोसियों ने उसे बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। फिर किसी ने रसोई से गर्म करछुल उठाया और उस मासूम के शरीर पर दबाकर जला दिया। बच्ची के हाथ, पीठ और पैरों में गंभीर जलने के निशान हैं। जब वह तड़प-तड़प कर चिल्लाने लगी, तो गांव के कुछ लोगों ने उसकी करुणाजनक चीखें सुनीं और मौके पर पहुंचे।

स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद बच्ची को इंदुकुरुपेट सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसके शरीर पर कई जगह गहरे जलने के निशान हैं, जिसमें दर्दनाक छाले पड़ गए हैं।

पुलिस ने इस मामले में बच्ची की मौसी सन्नारी माणिक्यम और तीन अन्य पड़ोसियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 324 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और बाल संरक्षण कानून के तहत केस दर्ज किया है। हालांकि, अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि बच्ची लंबे समय से उपेक्षा का शिकार थी। मौसी और पड़ोसी अक्सर उसे मारते-पीटते थे, लेकिन किसी ने इस पर आवाज नहीं उठाई। अब यह घटना सामने आने के बाद गांव में रोष है। लोग पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

इंदुकुरुपेट पुलिस ने बताया कि वे बच्ची के बयान दर्ज कर रहे हैं और मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। जांच के बाद आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, बच्ची की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे किसी बाल संरक्षण गृह में भेजने पर विचार किया जा रहा है।

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