सूरत- शहर में गुरूवार 1 मई को महात्मा गांधी की हत्या पर आधारित एक पुस्तक पर चर्चा के लिए आयोजित एक निजी कार्यक्रम को अंतिम समय में रद्द करना पड़ा। सूरत पुलिस ने इस आयोजन को अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा कि इससे "कानून-व्यवस्था की स्थिति" बिगड़ सकती है। यह आयोजन सूरत की गैर-सरकारी संस्था प्रार्थना संघ और मैत्री ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम का शीर्षक था 'गोडसे ने गांधी को क्यों मारा', जो कवि और लेखक अशोक कुमार पांडे की हिंदी पुस्तक "उसने गांधी को क्यों मारा" पर आधारित थी। यह आयोजन गुरुवार को नानपुरा में जीवन भारती ट्रस्ट द्वारा संचालित रोटरी हॉल में होने वाला था। आयोजकों ने पिछले कुछ दिनों में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को निमंत्रण भेजा था।
लेखक अशोक कुमार पांडे ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया में एक्स पर लिखा, "सूरत में प्रो. हेमंत शाह का मेरी किताब 'उसने गांधी को क्यों मारा' पर आधारित कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। पुलिस को इससे कानून-व्यवस्था खराब होने का डर था।
" इस पर कांग्रेस से जुड़े एक मीडिया पेनालिस्ट ने x पर पोस्ट किया, " भाजपा सरकार गांधी पर गोष्ठी से क्यो डरती है और अशोक पांडेय से और उनकी किताब से क्यों भय खाती है? उनकी किताब पर कार्यक्रम क्यो रोकती है आप कार्यक्रम तो रोक सकते है विचार नहीं।" जवाब में पांडे ने लिखा, " डर अशोक से नहीं, वह तो क्या ही चीज़ है। डर है बापू और उनके विचारों से। डर है सत्य और अहिंसा की ताक़त से। डर Idea of India से है।"
समर्थन के लिए आभार भाई। डर अशोक से नहीं, वह तो क्या ही चीज़ है।
— Ashok Kumar Pandey अशोक اشوک (@Ashok_Kashmir) May 2, 2025
डर है बापू और उनके विचारों से। डर है सत्य और अहिंसा की ताक़त से। डर Idea of India से है। https://t.co/r5slnNXdFi
आयोजन निरस्त होने को लेकर द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जीवन भारतीट्रस्ट के प्रबंधक कल्पेश पटेल ने बताया, "यह एक पुराना हॉल है, और पिछले पूरे साल यह हॉल नवीनीकरण के कारण सार्वजनिक आयोजनों के लिए बंद था। गुरुवार शाम का यह आयोजन नवीनीकरण के बाद पहला ऐसा कार्यक्रम था। हमने आज तक हॉल में आयोजित किसी भी कार्यक्रम के लिए पुलिस अनुमति नहीं ली है।"
पटेल ने आगे कहा, "बुधवार रात को अठवालाइन्स पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने हमसे संपर्क कर पूछा कि क्या आयोजकों ने इस आयोजन के लिए पुलिस अनुमति ली है। मैंने उन्हें बताया कि उस समय तक इस निजी आयोजन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। अधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि कार्यक्रम बिना पुलिस अनुमति के आगे बढ़ा, तो आयोजकों और जीवन भारती ट्रस्ट के ट्रस्टियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद हमने प्रार्थना संघ के प्रतिनिधियों से संपर्क किया और उन्हें पुलिस के रुख के बारे में सूचित किया, जिसके बाद उन्होंने कार्यक्रम रद्द करने पर सहमति जताई।"
सूत्रों के अनुसार, प्रार्थना संघ ने दस दिन पहले 25,000 रुपये की जमा राशि देकर हॉल बुक किया था। अठवालाइन्स पुलिस इंस्पेक्टर एचके सोलंकी ने कहा, "नियमों के अनुसार, हमने हॉल प्रबंधन को आयोजकों को इस तरह के आयोजन के लिए पुलिस अनुमति लेने के लिए सूचित करने को कहा। उन्होंने अभी तक ऐसी कोई अनुमति के लिए आवेदन जमा नहीं किया था। इसलिए, हमने उनसे पुलिस अनुमति लेने का अनुरोध किया। चूंकि उनके पास अनुमति लेने के लिए समय नहीं बचा था, उन्होंने आयोजन रद्द कर दिया।"
प्रार्थना संघ के उपाध्यक्ष और सेवानिवृत्त प्रोफेसर किशोर देसाई ने कहा, "हमने हॉल प्रबंधन से पुष्टि की और पाया कि अभी तक कोई पुलिस अनुमति नहीं ली गई थी, और किसी भी निजी आयोजन के लिए अनुमति लेना आवश्यक नहीं है।"