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Rajasthan: दूसरी महिला के लिए पत्नी को पीटकर घर से निकाला, ससुराल वालों ने भी ढाए सितम; बहादुर विमला बोली—ये मेरा घर, यहीं रहूंगी!

बाड़मेर- राजस्थान के बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना गांव में एक महिला को अपने ही ससुराल में प्रवेश से वंचित कर दिया गया। पीड़िता विमला मेघवाल, जिसकी शादी 10 वर्ष पूर्व धोरीमन्ना निवासी मंगलाराम मेघवाल के साथ हुई थी, ने अपने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विमला का कहना है कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली और जब उसने इसका विरोध किया, तो ससुराल वालों ने उसके साथ मारपीट की, उसका स्त्रीधन छीन लिया, और उसे अपहरण कर गांव की सीमा पर फेंक दिया। इस घटना के बाद, जब वह अपने घर वापस लौटी, तो उसे रात भर ससुराल के बाहर बैठना पड़ा। अंततः, पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ता सुमन देवठिया के हस्तक्षेप के बाद उसे घर में प्रवेश मिल सका।


विमला मेघवाल ने चितलवाना पुलिस थाने में 5 अप्रैल 2025 को एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की, जिसमें उन्होंने अपने पति मंगलाराम, ससुर देरामाराम, सास लूणी देवी, देवर भगवानाराम, और दूसरी महिला कविता पर गंभीर आरोप लगाए। विमला के अनुसार, उनकी शादी के दो वर्ष बाद मंगलाराम ने कविता नामक महिला के साथ अवैध संबंध शुरू किए और उसे शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। विरोध करने पर मंगलाराम और उसके परिवार ने विमला के साथ मारपीट की और उसे कई दिनों तक भोजन से वंचित रखा।

विमला ने बताया कि करीब 10 दिन पहले मंगलाराम कविता को लेकर भाग गया और दोनों ने अवैध रूप से शादी कर ली, जबकि पहली पत्नी जीवित है और तलाक नहीं हुआ है। जब विमला ने कविता को घर में प्रवेश करने से रोका, तो ससुराल वालों ने उसका सोने-चांदी का स्त्रीधन, जिसमें दो तोले के झुमके, चार तोले की कंठी, एक तोले का टीका और नथ, चार अंगूठियां, 500 ग्राम का चांदी का कंदोरा, और 300 ग्राम की पायल शामिल थी, जबरन छीन लिया। इसके बाद, 1 अप्रैल 2025 की रात करीब 9 बजे, मंगलाराम, उसके माता-पिता, और अन्य रिश्तेदारों ने मिलकर विमला को जबरन एक सफेद रंग की गाड़ी में डाला और उसका अपहरण कर लिया। रात 10 बजे के आसपास, वीरावा गांव की सीमा पर उसे गाड़ी से उतारकर मारपीट की गई, उसके कपड़े फाड़े गए, और उसकी लज्जा भंग की गई। मुलजिमों ने उसे धमकी दी कि अगर वह वापस आई, तो उसे जान से मार दिया जाएगा।

विमला सड़क पर रोती रही, तभी प्रभूराम और कृष्णराम नाम के दो लोग वहां से गुजरे। उन्होंने विमला के मुंह पर बंधा कपड़ा खोला और उसके भाई गौरव को सूचित किया, जो उसे घर ले गया। समाज के लोगों ने विमला को कानूनी कार्रवाई करने की सलाह दी, जिसके बाद उसने चितलवाना थाने में शिकायत दर्ज की।

विमला अपने ससुराल धोरीमन्ना लौटी, लेकिन ससुराल वालों ने उसे घर में प्रवेश करने से रोक दिया। मंगलवार की रात वह अपने 8 वर्षीय बेटे प्रिंस के साथ घर के बाहर बैठी रही। विमला ने बताया कि उसके सास-ससुर ने घर का दरवाजा बंद कर लिया और उसे अंदर नहीं आने दिया। इस दौरान ससुराल वालों ने उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट भी की।

विमला की शिकायत पर चितलवाना पुलिस ने कार्रवाई शुरू की, लेकिन शुरुआत में उसे उचित सहायता नहीं मिली। जांच अधिकारी ने कथित तौर पर विमला पर दबाव डाला कि वह लिखित में दे कि वह अपना सामान वापस नहीं लेना चाहती। हालांकि, सांचौर के वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद, चितलवाना और धोरीमन्ना पुलिस ने संयुक्त रूप से विमला को उसके ससुराल में वापस पहुंचाने का प्रयास किया। इसके बावजूद, ससुराल वालों ने पुलिस की मौजूदगी में भी उसे घर में प्रवेश नहीं करने दिया।

इस बीच, सामाजिक कार्यकर्ता सुमन देवठिया, जो आगाज फाउंडेशन ट्रस्ट से जुड़ी हैं, ने विमला के मामले को गंभीरता से लिया। सुमन ने जिला प्रशासन और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया, जिसके बाद धोरीमन्ना के उपखंड अधिकारी और थाना अधिकारी ने हस्तक्षेप किया। लंबी समझाइश और दबाव के बाद, विमला को अंततः अपने ससुराल में प्रवेश मिला।

सुमन देवठिया ने द मूकनायक को बताया कि विमला की स्थिति अभी भी नाजुक है। उन्होंने आशंका जताई कि ससुराल वाले भविष्य में विमला और उसके बेटे के साथ दुर्व्यवहार कर सकते हैं। सुमन ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि विमला और उसके बच्चे की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं। उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाएं समाज में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा की गंभीरता को दर्शाती हैं। पुलिस प्रशासन को और संवेदनशील होने की जरूरत है ताकि अपराधियों में डर और आम जनता में भरोसा कायम हो।”

विमला ने आरोप लगाया कि उसके ससुर देरामाराम, जो कांग्रेस पार्टी से जिला परिषद सदस्य हैं, अपनी राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल कर मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। इस आरोप ने मामले को और जटिल बना दिया है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर राजनीतिक प्रभाव के कारण पीड़ितों को न्याय मिलने में अक्सर देरी होती है।

चितलवाना पुलिस ने विमला की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 85, 316(2), 115(2), और 189(2) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मुलजिमों से पूछताछ की जा रही है। विमला ने अपने स्त्रीधन और घरेलू सामान की बरामदगी के साथ-साथ मुलजिमों को कड़ी सजा देने की मांग की है। सुमन देवठिया ने कहा, " विमला मेघवाल का मामला राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा और सामाजिक अन्याय को उजागर करता है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या समाज और प्रशासन पीड़ित महिलाओं को समय पर न्याय और सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं और पुलिस के समन्वित प्रयासों ने विमला को राहत दिलाई, लेकिन यह घटना समाज में गहरे बैठे लैंगिक भेदभाव और हिंसा की समस्या को रेखांकित करती है।"

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