नई दिल्ली/पुणे: लंदन में नौकरी गंवाने वाले दलित छात्र प्रेम बिरहाडे के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पुणे के मॉडर्न कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स द्वारा जातिगत भेदभाव के आरोपों का खंडन करने के बाद यह विवाद और बढ़ गया है। कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. निवेदिता जी. एकबोटे ने छात्र के "असंतोषजनक आचरण" को प्रमाणपत्र न देने का कारण बताया, जिस पर वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने तीखा पलटवार किया है।
कॉलेज की सफाई: 'आचरण ठीक नहीं था', छात्र पर करेंगे केस
शुक्रवार, 17 अक्टूबर को सुबह 10:52 बजे, कॉलेज की प्रिंसिपल और भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) महाराष्ट्र की प्रदेश उपाध्यक्ष, डॉ. निवेदिता जी. एकबोटे ने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक आधिकारिक पत्र जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
पत्र में उन्होंने लिखा, "मैं, डॉ. निवेदिता जी. एकबोटे, प्रिंसिपल, मॉडर्न कॉलेज, पुणे, आपका ध्यान एक पूर्व छात्र, श्री प्रेमवर्धन बिरहाडे (BBA जून 2020 में प्रवेश, जनवरी 2024 में पास) द्वारा उत्पीड़न, मानहानि और सोशल मीडिया के जानबूझकर दुरुपयोग के एक गंभीर मुद्दे पर लाना चाहती हूँ।"
Kind attention
— Nivedita Ekbote (@EkboteNivedita) October 17, 2025
I,Dr. Nivedita G. Ekbote, Principal, Modern College, Pune, wish to bring to your kind attention a serious issue of harassment, defamation, and deliberate misuse of social media by a former student, Mr. Premvardhan Birhade, (BBA in June 2020 and passed in Jan 24) pic.twitter.com/KzOoWHXCQU
प्रिंसिपल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि "एजुकेशन रेफरेंस" जारी करने से इनकार "पूरी तरह से संस्थागत मानदंडों, अनुशासनात्मक विचारों और पेशेवर नैतिकता पर आधारित है, और इसका छात्र की सामाजिक या सामुदायिक पृष्ठभूमि से कोई लेना-देना नहीं है।"
उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि यह निर्णय छात्र के "एक छात्र के रूप में उसके कार्यकाल के दौरान असंतोषजनक आचरण और अनुशासनात्मक रिकॉर्ड" के कारण लिया गया। कॉलेज ने यह भी पुष्टि की कि प्रेम बिरहाडे को पहले "तीन सिफारिश पत्र (LoRs) और एक बोनाफाइड सर्टिफिकेट" जारी किए गए थे, जिनका उपयोग उन्होंने यूके में अपने विश्वविद्यालय प्रवेश के लिए किया था।
डॉ. एकबोटे ने प्रेम बिरहाडे पर कॉलेज और अधिकारियों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने, मानहानि करने और "साइबर धमकी" देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संस्थान इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू कर रहा है।
प्रकाश अंबेडकर का पलटवार: 'यह Academic Sabotage है'
कॉलेज की सफाई आने के 24 घंटे बाद, 18 अक्टूबर को सुबह 10:59 बजे, VBA दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने 'एक्स' पर एक और पोस्ट कर प्रिंसिपल के दावों पर गंभीर सवाल उठाए।
Modern College of Arts, Science and Commerce’s Principal Dr. Nivedita Gajanan Ekbote has posted a letter on her social media saying that Prem Birhade was not issued a letter because of his “unsatisfactory conduct and disciplinary record during his tenure as a student.” But the… https://t.co/xcGL5svfrK
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) October 18, 2025
अंबेडकर ने लिखा, "मॉडर्न कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. निवेदिता गजानन एकबोटे ने अपने सोशल मीडिया पर एक पत्र पोस्ट किया है... लेकिन पत्र यह भी कहता है कि उन्हें पहले 3 सिफारिश पत्र और बोनाफाइड सर्टिफिकेट जारी किए गए थे।"
उन्होंने सीधे तौर पर विरोधाभास को उजागर करते हुए पूछा, "अगर मॉडर्न कॉलेज में अपने समय के दौरान प्रेम बिरहाडे का आचरण वास्तव में "असंतोषजनक" था, तो वह कैसे समझा सकती हैं कि उसी कॉलेज ने उन्हें एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन सिफारिश पत्र जारी किए? ... तो क्या बदल गया? वह तब सिफारिश के लिए क्यों फिट थे, लेकिन अब विदेश में जगह पक्की करने के बाद कॉलेज को अचानक उनका चरित्र समस्याग्रस्त लग रहा है?"
प्रकाश अंबेडकर ने इसे स्पष्ट रूप से जातिगत भेदभाव का मामला बताते हुए कहा, "ईमानदार रहें। यह अनुशासन के बारे में नहीं है। यह असुविधा के बारे में है। एक दलित छात्र के उन सीमाओं से आगे बढ़ने की हिम्मत करने से असुविधा! ... कॉलेज ने जो किया है वह न केवल अनैतिक है, यह एक लक्षित और भेदभावपूर्ण कार्य है! यह जातिगत पूर्वाग्रह में निहित अकादमिक तोड़फोड़ है! ... हमें इसे वही कहना चाहिए जो यह है: जाति-आधारित भेदभाव। और यह सिर्फ गलत नहीं है, यह आपराधिक है!"
क्या था पूरा मामला?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब नंदुरबार के एक आदिवासी जिले से आने वाले और हाल ही में ब्रिटेन के ससेक्स विश्वविद्यालय से स्नातक हुए प्रेम बिरहाडे ने एक वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुणे के मॉडर्न कॉलेज द्वारा उनके शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन करने से इनकार करने के कारण उन्हें लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर मिली अपनी नौकरी गंवानी पड़ी।
प्रेम का आरोप था कि जब कंपनी ने बैकग्राउंड वेरिफिकेशन के लिए कॉलेज से संपर्क किया, तो कॉलेज ने उनके दाखिले को ही नकार दिया, जबकि पहले इसी कॉलेज ने उन्हें यूके में पढ़ाई के लिए सिफारिश पत्र दिए थे। प्रेम ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने दोबारा अनुरोध किया तो कॉलेज प्रशासन ने उनकी जाति पूछी और फिर इनकार कर दिया।
इस मामले पर प्रकाश अंबेडकर ने पहले भी ट्वीट कर प्रिंसिपल डॉ. निवेदिता एकबोटे के भाजपा से जुड़े होने का जिक्र करते हुए उन पर "मनुवादी" विचारधारा के तहत दलित छात्रों के खिलाफ पूर्वाग्रह रखने का आरोप लगाया था। फिलहाल, कॉलेज कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, जबकि छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता इसे जातिगत भेदभाव का स्पष्ट उदाहरण मानकर न्याय की मांग कर रहे हैं।