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लखनऊ में बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश, चमत्कार से इलाज के नाम पर अनुसूचित जाति के लोगों को बनाता था निशाना

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर पिछले दो सालों से अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों को चमत्कार से बीमारी ठीक करने, पैसों और अन्य प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है।

यह पूरा मामला तब सामने आया जब बजरंग दल के एक सदस्य धर्मेंद्र शर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अपनी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि 43 वर्षीय मलखान नाम का व्यक्ति इलाके के कमजोर और जरूरतमंद परिवारों को निशाना बना रहा था। शिकायत मिलते ही पुलिस ने शनिवार को प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।

पुलिस के अनुसार, आरोपी मलखान ने अपनी खेती की जमीन पर एक हॉल बना रखा था, जहाँ वह हर गुरुवार और रविवार को साप्ताहिक "चंगाई प्रार्थना सभाओं" का आयोजन करता था। आरोप है कि इन्हीं सभाओं के दौरान अनुसूचित जाति के परिवारों की महिलाओं और बच्चों को धर्म बदलने के लिए उकसाया जाता था। पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी ने ईसाई धर्म अपनाने के बाद अपने बच्चों और भतीजों के नाम भी बदल दिए थे।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) निपुण अग्रवाल ने इस बात की पुष्टि की है कि गाँव में धर्मांतरण की गतिविधियों को लेकर पहले भी कई शिकायतें मिल चुकी थीं।

पुख्ता सबूतों के आधार पर पुलिस की टीम ने आरोपी के ठिकाने पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। जिस हॉल में प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती थीं, उसे भी सील कर दिया गया है। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने मलखान के कब्जे से बाइबिल की दो प्रतियां और कुछ धार्मिक पर्चे भी बरामद किए हैं।

फिलहाल, जांचकर्ता आरोपी के अन्य सहयोगियों का पता लगाने और इस पूरी गतिविधि के पीछे के वित्तीय स्रोतों को खंगालने में जुटे हुए हैं। आरोपी के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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