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यूपी के 134 गांवों में मनाया गया अम्बेडकर माह, दलित इतिहास और संविधान पर हुईं जनसभाएं; सक्रिय कार्यकर्ताओं को किया गया सम्मानित

उत्तर प्रदेश/उरई। अप्रैल महीने को 'अम्बेडकर माह' और 'दलित हिस्ट्री मंथ' के रूप में मनाते हुए बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच और दलित डिग्निटी एंड जस्टिस सेंटर द्वारा जिले के 134 से अधिक गांवों में डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। गांव और पंचायत स्तर पर संविधान जागरूकता सभाएं, संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ और सामाजिक संवाद के माध्यम से हजारों लोगों को जोड़ा गया।

इस व्यापक अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने वाली टीम को "सम्मान पत्र" प्रदान कर सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालों में ऊषा देवी, देबेन्द्र अनिल, अनीता, सुरेंद्र कुमार, प्रदीप दोहरे, एड. रश्मि वर्मा, एड. निकहत परवीन, एड. प्रियंका अहिरवार, अनुराधा बौद्ध, आयुष कुमार, सचिन चौधरी, टिंकू चौधरी, शालिनी बौद्ध, मधु अनुरागी, कंचन वर्मा, धर्मपाल राजपूत और रामकुमार गौतम शामिल हैं।

Honoree Team Members
सम्मान प्राप्त करने वाले टीम के सदस्य

सम्मान प्राप्त करने वाले टीम सदस्यों ने इस पहल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह सम्मान उन्हें डॉ. अंबेडकर के संघर्षों की याद दिलाता रहेगा। उन्होंने कहा कि इस एक महीने के दौरान गांव-गांव जाकर समुदाय की वास्तविक स्थिति को समझा और महसूस किया कि संविधान लागू हुए 75 वर्षों के बाद भी समाज में कई स्तरों पर व्यापक परिवर्तन की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु:

  • 134 गांवों/पंचायतों में अम्बेडकर जयंती और संविधान जागरूकता कार्यक्रम

  • 92 जनसभाएं आयोजित, 15,490 लोगों से सीधा संवाद

  • 25,000 से अधिक महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की भागीदारी

  • सोशल मीडिया के माध्यम से 1.35 लाख से अधिक लोगों तक कार्यक्रम की पहुँच

  • 49 गांवों से दलित अत्याचार और समस्याओं से जुड़े आवेदन प्राप्त, जिन पर कार्रवाई की जाएगी

Dr. Ambedkar was the source of inspiration for the villagers
डॉ. आंबेडकर रहे ग्रामीणों के प्रेरणा स्रोत

बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच और दलित डिग्निटी एंड जस्टिस सेंटर के संस्थापक व संयोजक एडवोकेट कुलदीप कुमार बौद्ध ने बताया कि यह अभियान दलित इतिहास को दस्तावेज़बद्ध करने और संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास है। उन्होंने कहा, “टीम ने हर गांव में जाकर न सिर्फ अम्बेडकर जयंती मनाई, बल्कि वहां के संघर्षशील व्यक्तियों की कहानियों को भी संकलित किया। आने वाली पीढ़ियां इस कार्य को जरूर याद रखेंगी।”

संस्थाओं की योजना है कि इन 134 ग्राम पंचायतों के वालंटियर्स को आगे प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे स्थानीय स्तर पर नेतृत्व करते हुए सामाजिक परिवर्तन और संवैधानिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार में योगदान दें।

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