भोपाल। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के खालवा थाना क्षेत्र के एक गांव में शनिवार को इंसानियत को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई, जहां 45 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ दो युवकों ने सामूहिक बलात्कार किया। हैवानियत की हद उस वक्त पार हो गई जब पीड़िता की बच्चादानी बाहर आई हुई मिली और शरीर से अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा था। परिजन उसे खून से लथपथ हालत में अस्पताल ले गए, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। महिला के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान हैं, विशेषकर उसके निजी अंगों में गहरी चोटें हैं, जिससे अंदेशा है कि उसके साथ बर्बरता से बलात्कार किया गया।
क्या है मामला?
यह दर्दनाक घटना शनिवार दोपहर की बताई जा रही है। महिला अपने घर से सुबह गांव में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए निकली थी। पुलिस के मुताबिक, शादी कार्यक्रम में पीड़िता की मुलाकात गांव के ही दो युवकों—हरि और सुनील—से हुई, जो उसके परिचित थे। कार्यक्रम के बाद वह हरि के साथ उसके घर चली गई, जहां सुनील भी मौजूद था। तीनों ने वहां शराब पी, और इसके बाद महिला के साथ दुष्कर्म किया गया।
बुरी हालत में मिली महिला, बोलने की हालत में नहीं थी
घटना के कुछ समय बाद महिला बेहोशी की हालत में पड़ोसी महिला के घर के आंगन में मिली। पड़ोसन ने बताया कि पीड़िता घबराई हुई थी और कह रही थी—"मुझे चक्कर आ रहे हैं, जमीन पर लेटने दो।" थोड़ी देर बाद महिला बेहोश हो गई। जब महिला के दोनों बेटे उसे ढूंढते हुए वहां पहुंचे, तो पड़ोसन ने उन्हें बताया कि उनकी मां उसके घर पर है। होश आने पर महिला ने बताया—"मेरे साथ गलत हुआ है।"
अस्पताल में दम तोड़ा, बच्चादानी बाहर निकली मिली
बेटों ने तुरंत डायल 100 पर सूचना दी और महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। वहां डॉक्टरों ने पाया कि महिला के निजी अंगों में गंभीर चोटें हैं। बच्चादानी बाहर निकल आई थी और अत्यधिक ब्लीडिंग हो रही थी। डॉक्टरों को शक है कि उसके प्राइवेट पार्ट में किसी नुकीली वस्तु, जैसे सरिया या लकड़ी, का प्रयोग किया गया है। इसी वजह से उसे बचाया नहीं जा सका और उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, आरोपी हिरासत में
रोशनी चौकी प्रभारी सुषा परते ने जानकारी दी कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। दोनों आरोपी—हरि और सुनील—को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हालांकि दोनों ने अभी तक जुर्म कबूल नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत पेश किए जाएंगे।
फॉरेंसिक एक्सपर्ट की निगरानी में पोस्टमॉर्टम
महिला के शव को खालवा अस्पताल से जिला अस्पताल भेजा गया है। रविवार सुबह मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम के सामने पैनल पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शॉर्ट पीएम रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ाई जाएंगी और आगे की कार्रवाई तेज की जाएगी।
आदिवासी समुदाय में आक्रोश
घटना के बाद से गांव और आसपास के इलाकों में रोष का माहौल है। आदिवासी समाज की महिलाओं और सामाजिक संगठनों ने दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है। उन्होंने यह भी मांग उठाई है कि मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो और पीड़िता के परिवार को आर्थिक सहायता व सुरक्षा दी जाए।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
द मूकनायक से बातचीत में आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू तेकाम ने खंडवा जिले में आदिवासी महिला के साथ हुई दरिंदगी पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल में जंगलराज फैल चुका है। कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है और अपराधियों में कानून का कोई डर नहीं बचा है। आदिवासियों के साथ अत्याचार और महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
रामू तेकाम ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार इन घटनाओं को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। उन्होंने मांग की कि खंडवा की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके। साथ ही पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि वे भयमुक्त होकर जीवन जी सकें।
आदिवासी क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा की जरूरत
राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य संगीता शर्मा ने द मूकनायक से बातचीत में कहा कि सरकार महिलाओं और आदिवासियों के खिलाफ बढ़ रहे यौन अपराधों को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जिन सुरक्षा उपायों और दावों की बात करती है, वे सिर्फ कागजों तक सीमित हैं और ज़मीनी स्तर पर उनका कोई असर नहीं दिखता।
NCRB: महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ रहे मामले!
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर क्यों प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस व्यवस्था नहीं बन पाई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट भी इस स्थिति की भयावहता को दर्शाती है। रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में 4,28,278 की तुलना में 4% की वृद्धि है। वहीं बच्चों के खिलाफ अपराध के 1,62,449 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में 8.7% (1,49,404 मामले) की वृद्धि दर्शाते हैं। मध्य प्रदेश में भी बच्चों के खिलाफ मामले बढ़े हैं। आंकड़ों के अनुसार राजधानी भोपाल में साल 2022 में 758 अपराध बच्चों के खिलाफ दर्ज हुए।