MP: रेलवे टिकट पर 'ऑपरेशन सिंदूर' और पीएम मोदी की फोटो, कांग्रेस ने जताई आपत्ति – सेना के पराक्रम को प्रचार सामग्री बनाने का आरोप

03:11 PM May 19, 2025 | Ankit Pachauri

भोपाल। रेलवे के आरक्षित टिकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ा संदेश छापे जाने को लेकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। इस पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज़ जताते हुए मोदी सरकार पर सेना के पराक्रम को राजनीतिक प्रचार में बदलने का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं, भारतीय रेलवे और भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए इसे ‘एक संदेश’ बताया है, न कि प्रचार।

क्या है मामला?

हाल ही में जारी किए गए रेलवे रिजर्वेशन टिकट पर पीएम मोदी की तस्वीर छपी है, जिसमें एक संदेश लिखा है— “ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है। एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है।”

इसके ठीक नीचे छोटे अक्षरों में लिखा गया है—“पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन – 12 मई 2025”

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यह वही दिन है जब प्रधानमंत्री मोदी ने देश को रात 8 बजे संबोधित किया था। अपने 22 मिनट के भाषण में उन्होंने पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर, आतंकवाद, सिंधु जल समझौते और POK जैसे संवेदनशील विषयों पर बात की थी।

कांग्रेस का आरोप – “सेना के अभियान को बना रहे प्रचार सामग्री”

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने कहा— “जब से भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान के दांत खट्टे किए हैं, तब से भाजपा की कोशिश यही है कि इस पराक्रम को चुनावी राजनीति के लिए कैसे भुनाया जाए। देश में हमेशा से एक स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा रही है कि सेना को राजनीतिक बहसों से दूर रखा जाए। लेकिन भाजपा इस परंपरा को तोड़ते हुए सेना के अभियानों को प्रचार सामग्री बना रही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को रेलवे टिकट पर इस तरह की सामग्री के प्रकाशन पर तत्काल रोक लगानी चाहिए, ताकि सेना के शौर्य को राजनीतिक सौदेबाज़ी में तब्दील होने से बचाया जा सके।

“रेलवे को भी राजनीतिक अभियान का हिस्सा बना रही सरकार” – बबेले

बबेले ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब भाजपा नेताओं ने सेना या रक्षा मुद्दों को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया हो। उन्होंने कहा— “पहले भी भाजपा के मंत्री, सांसद और विधायक गैर जिम्मेदाराना बयान देते रहे हैं। यहां तक कि विदेश मंत्री भी ऐसे बयान दे चुके हैं जो शोभा नहीं देते। लेकिन अब सरकार ने रेलवे जैसी संस्था को भी अपने राजनीतिक अभियान में घसीट लिया है। यह खतरनाक परंपरा की शुरुआत है।”

IRCTC का जवाब – “यह विज्ञापन नहीं, सिर्फ संदेश है”

इस पूरे विवाद पर भारतीय रेलवे की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। आईआरसीटीसी के पीआरओ वीके भट्टी ने स्पष्ट किया कि रेलवे टिकट पर छपा संदेश किसी भी तरह का व्यावसायिक विज्ञापन नहीं है। उन्होंने कहा— “यह सिर्फ एक संदेश है, न कि प्रचार। इसे विज्ञापन की तरह नहीं देखा जाना चाहिए।”

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि अब सेना के शौर्य और बलिदान को भी भाजपा सरकार अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल कर रही है, जो बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि रेलवे टिकटों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शामिल सैनिकों की तस्वीर हटाकर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाना इस बात का उदाहरण है कि केंद्र सरकार कितनी प्रचारजीवी हो चुकी है। इससे पहले भी कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट से वैज्ञानिकों की मेहनत को किनारे कर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाई गई, पुलवामा के शहीदों के नाम पर वोट मांगे गए, बालाकोट एयरस्ट्राइक को चुनावी मुद्दा बनाया गया और पेट्रोल पंपों तक पर उनकी तस्वीरें लगाई गईं। सिंघार ने तंज करते हुए कहा कि भाजपा को आपदा को अवसर में बदलने की कला खूब आती है।

मुद्दा चुनावी है या नहीं, सवाल बना रहेगा

यह पूरा विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब बिहार जैसे बड़े राज्य में चुनावी माहौल बनना शुरू हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा, सेना की कार्रवाई को चुनावी मुद्दा बनाकर जनता की भावनाओं को भुनाना चाहती है। वहीं भाजपा का कहना है कि यह देशभक्ति का प्रतीक है, न कि राजनीति।

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया अध्यक्ष मुकेश नायक ने द मूकनायक से बातचीत में कहा कि रेलवे टिकट पर 'ऑपरेशन सिंदूर' और प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर छापकर भाजपा सेना की बहादुरी को चुनावी प्रचार का हथियार बनाना चाहती है। यह केवल सेना के बलिदान का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं है, बल्कि देश के हर जवान का अपमान है।

उन्होंने कहा, "भाजपा नेताओं ने पहले भी सेना की शहादत पर बयानबाज़ी की और अब रेलवे टिकट तक को प्रचार का ज़रिया बना दिया है। इससे साफ है कि भाजपा को देश की रक्षा करने वाले जवानों की नहीं, अपने प्रचार की चिंता ज़्यादा है।"

मुकेश नायक ने कहा कि देशभक्ति सिर्फ पोस्टर या नारों में नहीं, बल्कि सरकार की नीतियों और इरादों में दिखनी चाहिए। जनता सब देख रही है और समय आने पर इसका जवाब देगी।