भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां एक ओर भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात करते हैं, वहीं दूसरी उन्हीं की कैबिनेट के राज्य मंत्री दुर्गादास उइके के प्रतिनिधि पूर्व मंत्री कमल पटेल के बेटे पर घोटाले में नाम आ रहा है।
बता दें, बैतूल लोकसभा से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास (डीडी) उइके के सांसद प्रतिनिधि के रूप में पूर्व मंत्री कमल पटेल काम कर रहे हैं। वे जिले की शासकीय बैठकों में शामिल भी होते हैं। और अधिकारियों को सांसद मंत्री की तरह निर्देश देते हैं। उनके रौब का इस बात से पता लगाया जा सकता है कि भाजपा से पांच बार का विधायक और मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व कृषि मंत्री को सांसद के प्रतिनिधि जैसे मामूली पद पर क्यों बैठना पड़ा। यह इसलिए ताकि कमल पटेल सिर्फ शासकीय बैठकों में शामिल होके अपना दबदबा क्षेत्र में कायम रख सके।
पूर्व मंत्री के बेटे संदीप पटेल ने दिया घोटाले को अंजाम
मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक बड़े भूमि घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें बैतूल लोकसभा क्षेत्र के सांसद और केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके के सांसद प्रतिनिधि के बेटे संदीप पटेल, पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। संदीप पटेल, जो राज्य के पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल के पुत्र हैं, पर हरदा मंडी की भूमि के अनियमित आवंटन और वित्तीय अनियमितताओं में संलिप्त होने का आरोप है। उन्होंने इसके लिए फर्जी नोटशीट मंडी समिति की मदद से तैयार कराई और फिर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) को जमीन उप पट्टे पर दे दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां एक ओर भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी ही पार्टी के मंत्री के प्रतिनिधि पर ऐसे गंभीर आरोप लगना चिंताजनक है। यह मामला भाजपा के भीतर पारदर्शिता और नैतिकता पर सवाल खड़े करता है। इस मामले में हमनें केंद्रीय राज्य मंत्री डीडी उइके से बात करने का प्रयास किया लेकिन उनसे बातचीत नहीं हो सकी।
हरदा विधायक ने उठाए सवाल
हरदा से कांग्रेस विधायक रामकिशोर दोगने ने 'द मूकनायक' से बातचीत में मंडी जमीन घोटाले को सिर्फ शुरुआत बताया है। उन्होंने पूर्व मंत्री कमल पटेल पर दर्जनों घोटालों के आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उच्च स्तरीय जांच हो तो कई और घोटाले उजागर होंगे। विधायक ने इस मामले को विधानसभा में उठाने की बात कही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव से इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। विधायक का कहना है कि जनता के हित में ऐसे मामलों की सच्चाई सामने आनी चाहिए, ताकि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो सके।
प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग
इधर, मंगलवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में एससी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया छतरपुर दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम ने प्रदेश की जनता से किसी भी भ्रष्टाचार की शिकायत सीधे उन्हें भेजने को कहा था। अहिरवार ने कहा कि इसी के तहत कांग्रेस प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखकर हरदा मंडी घोटाले की शिकायत कर रही है, जिसमें प्रदेश के मंत्री कमल पटेल और उनके बेटे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
उन्होंने कहा कि इस घोटाले में किसानों के साथ बड़ा अन्याय हुआ है और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस की मांग है कि प्रधानमंत्री स्वयं इस मामले में हस्तक्षेप करें और घोटाले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा दिलाई जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी सवाल पूछा कि क्या पूर्व मंत्री कमल पटेल के बेटे पर कार्रवाई होगी?
मंत्री विजयवर्गीय का खास है कमल पटेल!
कमल पटेल और कैलाश विजयवर्गीय के बीच राजनीतिक समीकरण को लेकर यह चर्चा रही है कि विजयवर्गीय का संरक्षण कमल पटेल को मिलता रहा है। भाजपा के बरिष्ठ नेता और सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भाजपा में एक प्रभावशाली नेता हैं और उनके करीबी नेताओं को पार्टी में फायदा मिलता रहा है।
कमल पटेल, जो हरदा जिले से आते हैं और पूर्व में कृषि मंत्री रह चुके हैं, क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए पार्टी के नेताओं का सहारा लेते रहे हैं। उनके दबदबे के पीछे पार्टी के अंदरूनी समीकरण और वरिष्ठ नेताओं का समर्थन अहम भूमिका निभाता है।