रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण समारोह रांची के मोरहाबादी मैदान में 28 नवंबर को आयोजित होगा। समारोह दिन के 11.30 बजे आयोजित होगा। मुख्यमंत्री के साथ कुछ अन्य मंत्री भी शपथ ले सकते हैं।
हेमंत सोरेन को रविवार को इंडिया ब्लॉक के विधायकों ने औपचारिक तौर पर अपना नेता चुना था। इसके बाद राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार के समक्ष उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, समारोह में भाग लेने के लिए लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राजद सुप्रीमो लालू यादव, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, सीपीआईएमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य सहित तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री को आमंत्रण भेजा जा रहा है।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। सोमवार को रांची के उपायुक्त सहित कई अधिकारियों ने मोरहाबादी मैदान में होने वाले समारोह की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने समारोह में आने वाले अतिथियों के लिए वाहन, खानपान की व्यवस्था, समारोह के दौरान दूसरे राज्यों से आने वाले मेहमानों के रहने की सुविधा एवं पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत, पार्किंग, यातायात, वीआईपी गाड़ियों की मूवमेंट समेत अन्य सुविधाओं के बारे में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
हेमंत सोरेन झारखंड में मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ लेने वाले पहले नेता होंगे। उन्होंने पहली बार 13 जुलाई 2013 को झामुमो, कांग्रेस, राजद गठबंधन के सहयोग से बनी सरकार में सीएम पद की शपथ ली थी। इस सरकार का कार्यकाल 23 दिसंबर 2014 तक था।
दूसरी बार उन्होंने 29 दिसंबर 2019 में शपथ ली थी। 31 जनवरी 2024 को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जमानत पर बाहर आने के बाद 4 जुलाई 2024 को उन्होंने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी। हेमंत सोरेन के पहले उनके पिता शिबू सोरेन और भाजपा के अर्जुन मुंडा तीन-तीन बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं।
झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में गठबंधन को 56 सीटें हासिल हुई हैं। झामुमो को 34, कांग्रेस को 16, राजद को चार और सीपीआई एमएल को दो सीटों पर जीत मिली है। राज्य में पहली कोई सरकार दो तिहाई बहुमत के साथ बनने जा रही है।
हेमंत कैबिनेट में होंगे पांच नए चेहरे, पहली कैबिनेट में अहम फैसलों की तैयारी
झारखंड में चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में कम से कम पांच नए चेहरे होंगे। खबर है कि नए मंत्रिमंडल के गठन को लेकर सोमवार को सीएम आवास में सोरेन ने अपने विश्वस्त लोगों के साथ विमर्श किया है। इसके पहले गठबंधन के अन्य दलों के नेताओं के साथ बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी।
गठबंधन में शामिल कांग्रेस और राजद कोटे वाले मंत्रियों का नाम इन दलों के आलाकमान तय करेंगे। गठबंधन की एक अन्य साझीदार सीपीआई (एमएल) ने अब तक मंत्रिमंडल में भागीदारी पर निर्णय नहीं लिया है। अगर ऐसा होता है तो राज्य में पहली बार सरकार में सीधे तौर पर किसी वाम पार्टी की भागीदारी होगी।
झारखंड के मंत्रिमंडल में सीएम सहित अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। गठबंधन में झामुमो के 34, कांग्रेस के 14, राजद के 4 और सीपीआई (एमएल) के 2 विधायक हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा से छह, कांग्रेस से तीन या चार, राजद से एक या दो और सीपीआई (एमएल) से एक विधायक को शामिल किया जा सकता है। झामुमो कोटे से इस बार नए मंत्रियों के रूप में जामा सीट से जीत दर्ज करने वाली लुईस मरांडी, महेशपुर के विधायक स्टीफन मरांडी, टुंडी के विधायक मथुरा महतो और भवनाथपुर के विधायक अनंत प्रताप देव के नाम की चर्चा है।
चाईबासा के विधायक दीपक बिरुआ और घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन को मंत्री के रूप में रिपीट किया जाना तय माना जा रहा है। कांग्रेस कोटे के मंत्रियों में लोहरदगा के विधायक रामेश्वर उरांव, पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव, महागामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह और बेरमो के विधायक अनूप सिंह के नाम की चर्चा है।
राजद कोटे से देवघर के विधायक सुरेश पासवान का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। अगर 28 नवंबर तक मंत्रिमंडल के सभी नामों पर सहमति नहीं बनी तो हेमंत सोरेन के साथ दो या तीन मंत्री शपथ ले सकते हैं। शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट की पहली बैठक की भी तैयारी चल रही है, जिसमें कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
Inputs with IANS