भोपाल। ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ परिसर में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने इस संबंध में देश के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा स्थापना सुनिश्चित कराई जाए और इसमें आ रही अड़चनों को शीघ्रता से सुलझाया जाए।
कांग्रेस की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना उच्च न्यायालय की अनुमति और सहमति से की जा रही थी। इसे भारतीय संविधान के प्रति सम्मान और डॉ. आंबेडकर के ऐतिहासिक योगदान को नमन करने का प्रतीक बताया गया है।
लेकिन हाल ही में कुछ समूहों द्वारा इस कार्य का विरोध किया जा रहा है, जिससे न्यायालय परिसर में प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद की स्थिति बन गई है। जीतू पटवारी ने पत्र में लिखा है कि यह विरोध सिर्फ संविधान मूल्यों के प्रति असम्मान नहीं है, बल्कि यह देश की जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने वाला है।
डॉ. आंबेडकर के प्रति संपूर्ण श्रद्धा
पटवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी डॉ. आंबेडकर और उनके द्वारा रचित संविधान के प्रति पूर्ण श्रद्धा और समर्पण रखती है। उन्होंने लिखा है कि न्याय के मंदिर यानी उच्च न्यायालय में संविधान निर्माता की प्रतिमा की स्थापना न केवल न्यायसंगत है, बल्कि यह संविधानिक प्रगति, न्याय और समानता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी होगी।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए ग्वालियर खंडपीठ परिसर में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना के लिए सर्वोत्तम निर्णय सुनिश्चित करे।
पत्र की प्रतिलिपि जबलपुर उच्च न्यायालय को भी
जीतू पटवारी ने यह पत्र प्रधान न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट (नई दिल्ली) को संबोधित किया है, जिसकी प्रतिलिपि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर को भी भेजी गई है। उन्होंने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि संविधान निर्माता की प्रतिमा का विरोध करना असंवैधानिक है और यह न्याय व्यवस्था के मूल्यों को ठेस पहुंचाने जैसा है।
कांग्रेस ने कहा, 'हम प्रतिमा स्थापना के पक्ष में'
एससी कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना का समर्थन करते हुए द मूकनायक से कहा कि बाबा साहब सामाजिक न्याय के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और नेता राहुल गांधी देश में सामाजिक न्याय की पुनर्स्थापना और समानता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश आज भी कुछ लोग डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनके विचार सामाजिक न्याय की भावना के अनुकूल नहीं हैं।
प्रदीप अहिरवार ने प्रशासन से मांग की है कि ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से स्थापित की जाए, ताकि किसी प्रकार का सामाजिक तनाव न उत्पन्न हो। उन्होंने आगे कहा, कि कांग्रेस पार्टी बाबा साहब की मूर्ति स्थापना के पक्ष में है और इसे न्याय और समानता के मूल संवैधानिक मूल्यों के सम्मान का प्रतीक मानती है।
विवाद क्या है?
ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने को लेकर वकीलों के दो गुटों में विवाद उत्पन्न हो गया है। एक गुट प्रतिमा स्थापना को संविधान निर्माता के प्रति सम्मान मानता है, जबकि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इसका विरोध कर रहा है, यह कहते हुए कि प्रतिमा स्थापना की प्रक्रिया बिना अनुमति और जानकारी के शुरू की गई है।
विवाद तब उभरा जब प्रतिमा स्थल पर फाउंडेशन स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया गया। इसके बाद शनिवार को बार एसोसिएशन ने विरोधस्वरूप उस स्थान पर तिरंगा फहराया, जिससे पुलिस और वकीलों के बीच झड़प हुई। इसके वीडियो सामने आने के बाद मामला और गरम हो गया। इसे दो दिन बाद भीम आर्मी नेता रूपेश कैन को प्रतिमा स्थापना का विरोध करने वाले गुट ने पीट दिया। जिसके बाद सांसद चंद्रशेखर रावण ने एक्स पर पोस्ट लिखा, 'जिसमें कहा गया कि वह जल्द ग्वालियर आरहे है।' उन्होंने सरकार बाबा साहब की प्रतिमा को स्थापित किए जाने की मांग भी की।