मुंबई। वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने केंद्र सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना की घोषणा को ‘जुमला’ करार देते हुए इसे पहलगाम आतंकी हमले से ध्यान भटकाने की साजिश बताया।
मुंबई में आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र देकर कहा था कि वह जाति जनगणना नहीं करा सकती। आंबेडकर ने सवाल उठाया, “सरकार पहले यह स्पष्ट करे कि वह अपना शपथपत्र कब वापस ले रही है?” उन्होंने दावा किया कि यह घोषणा 2026 में प्रस्तावित परिसीमन और संसदीय सीटों के पुनर्गठन से उपजी चिंताओं को दबाने की कोशिश है, क्योंकि उत्तरी राज्यों की जनसंख्या बढ़ रही है और दक्षिणी राज्यों की घट रही है। आंबेडकर ने कहा कि सरकार इस डेटा को कभी सार्वजनिक नहीं करेगी।
आंबेडकर ने कांग्रेस पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने पंडित नेहरू से इंदिरा गांधी तक कभी जाति जनगणना का समर्थन नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की मांगें वीबीए की मांगों की नकल हैं। आंबेडकर ने कहा, “राहुल गांधी में हिम्मत नहीं कि वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री को जाति जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आदेश दें। इससे साफ है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर कितनी गंभीर है।”
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर न्यायिक जांच की याचिका पर कोर्ट की फटकार पर आंबेडकर ने कहा, “कुछ लोग रॉबिन हुड बनने की कोशिश करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे लोगों को फटकार लगाकर अच्छा किया।”
उन्होंने कहा कि सेना कार्रवाई के लिए तैयार है, लेकिन राजनीतिक नेतृत्व में स्पष्टता और हिम्मत की कमी है। उन्होंने सभी दलों से मांग की कि वे सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा, “अधिकारी निर्णय लेने को तैयार नहीं, और सिपाही को खुली छूट का दावा किया जाता है। अगर कुछ नहीं हुआ, तो सरकार कहेगी कि सेना ने कार्रवाई नहीं की।”
आंबेडकर ने पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री के बयानों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार ने फाइटर जेट का इस्तेमाल कर प्रचार किया, जबकि पिनाका मिसाइल, जिसकी रेंज अब 120 किलोमीटर है, से घर बैठे आतंकी ठिकानों को नष्ट किया जा सकता था। उन्होंने सवाल उठाया, “कारगिल जीतने वाला पिनाका उपलब्ध था, फिर जेट क्यों भेजे गए? सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है।” आंबेडकर ने वीबीए की ओर से एक आंदोलन की घोषणा की, जिसमें सरकार से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की जाएगी।
(With inputs from IANS)