योगी सरकार का बड़ा दांव! OBC छात्रों के लिए 2 करोड़ रुपए और 30 लाख से ज्यादा छात्रों को सीधी मदद

03:35 PM May 19, 2025 | Rajan Chaudhary

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पहली बार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के लिए छात्रावासों के रखरखाव हेतु 2 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसका उद्देश्य ओबीसी छात्रों के लिए बेहतर शैक्षिक वातावरण सुनिश्चित करना और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है।

पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य ओबीसी समुदाय को आत्मनिर्भर बनाना है। हम चाहते हैं कि हर ओबीसी छात्र को शिक्षा मिले और हर परिवार गरिमा के साथ जीवन जिए। हमारी सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।”

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी का विकास मॉडल समाज के आखिरी व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने पर केंद्रित है। मंत्री ने कहा, “जिस तेजी से ओबीसी समुदाय आगे बढ़ रहा है, वह उत्तर प्रदेश को समावेशी विकास का एक सशक्त मॉडल बना रहा है।”

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कश्यप ने बताया कि यह कदम ओबीसी छात्रों के जीवन में सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई प्रयासों में से एक है। उन्होंने कहा, “ये प्रयास ओबीसी समुदाय की भूमिका को बदल रहे हैं — अब वे केवल सरकारी लाभ पाने वाले नहीं, बल्कि राज्य के विकास में भागीदार बनते जा रहे हैं। जो कभी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे थे, वे अब शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सम्मान के क्षेत्र में आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे हैं।”

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024–25 में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट बढ़ाकर 2,789.71 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 451.08 करोड़ रुपए अधिक है। उन्होंने कहा, “यह बजट वृद्धि ओबीसी समुदाय को केवल लाभार्थी के रूप में नहीं, बल्कि समाज के सक्रिय भागीदार के रूप में सशक्त बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजनाओं के माध्यम से इस वर्ष 30 लाख से अधिक ओबीसी छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा गया — जो पिछले वर्ष की तुलना में 5 लाख अधिक हैं। प्रवक्ता ने बताया, “पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत चार श्रेणियों में 10,000 रुपए से 50,000 रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। इससे ओबीसी परिवारों के बच्चे अब पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर नहीं हैं और उच्च शिक्षा की ओर आगे बढ़ रहे हैं।”

सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने अहम कदम उठाए हैं। विवाह अनुदान योजना के तहत इस वर्ष एक लाख ओबीसी जोड़ों को 20,000 रुपए की सहायता राशि दी गई, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 52,553 थी। इसके अतिरिक्त, योजना के लाभ के लिए आय सीमा को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में 1 लाख रुपए कर दिया गया है, जिससे अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।