जिसे लोग बर्तन धोने वाला कहते थे, अब वही बनेगा डॉक्टर – पढ़िए श्रवण की चौंकाने वाली सफलता की कहानी!

01:02 PM Jun 16, 2025 | Rajan Chaudhary

जयपुर: राजस्थान के बालोतरा कस्बे के रहने वाले 19 वर्षीय श्रवण कुमार ने इस साल नीट (NEET) परीक्षा पास कर अपनी मेहनत और संघर्ष से सभी को प्रेरित किया है। OBC कैटेगरी में 4071 रैंक हासिल करने वाले श्रवण को राजस्थान के तीन से चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS सीट मिलने की संभावना है।

श्रवण का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। वह दिन में एक फैक्ट्री में काम करता है और रात को पढ़ाई करता है। उनके माता-पिता गांव में शादियों और समारोहों में बर्तन धोकर घर चलाते हैं। उनका परिवार बाड़मेर जिले के बालोतरा के खट्टू गांव में एक दो-कमरे के कच्चे मिट्टी के घर में रहता है।

श्रवण ने कक्षा 10वीं में 97% और 12वीं में 88% अंक हासिल किए। वो एक सरकारी स्कूल में पढ़े हैं। आर्थिक तंगी के कारण 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन पिछले तीन वर्षों में उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई।

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साल 2022 के अंत में उनके घर में बिजली आई, और एक सरकारी योजना के तहत उनकी मां को तीन साल की इंटरनेट सुविधा वाला स्मार्टफोन मिला। श्रवण ने बताया, "इसी से मेरी पढ़ाई के घंटे बढ़ गए और इंटरनेट के जरिए मुझे बाहर की दुनिया देखने का मौका मिला।"

इसके अलावा, बाड़मेर के कुछ सरकारी डॉक्टरों ने उन्हें मुफ्त NEET कोचिंग दी, जो जरूरतमंद छात्रों को स्वयंसेवी रूप से पढ़ाते हैं।

NEET के नतीजों के बाद खट्टू गांव का यह मिट्टी का घर चर्चा में आ गया। गांव वाले मिठाइयों के साथ बधाई देने पहुंचे और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी उनकी कहानी को कवर करने पहुंचे। जो बच्चा कभी अपने पिता के साथ बर्तन धोता था और मवेशी पालता था, अब वही मेडिकल कॉलेज का सपना सच करने के करीब है।

श्रवण की यह सफलता साबित करती है कि अगर सही अवसर और मार्गदर्शन मिले तो कोई भी छात्र, चाहे हालात कैसे भी हों, ऊंचाइयों को छू सकता है।