लखनऊ: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में यादव समाज के कथावाचक को ब्राह्मणों द्वारा क्रूरता से अपमानित करने और पीटने का मामला सामने आया है. बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव में भागवत कथा कहने आए यादव समाज के भागवताचार्य व्यास मुकुट मणि का ब्राह्मण समाज के लोगों ने चोटी काटकर वीडियो वायरल कर दिया है. इस वीडियो के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि भागवत कथा बाच रहे व्यास, ब्राह्मण समुदाय के नहीं थे इसलिए उनकी चोटी काट दी गई और उनका वीडियो वायरल किया गया. भागवताचार्य ने बताया कि बाल काटने के बाद 5 घंटे तक उन्हें बंधक बनाकर रखा गया.
घटना 22 जून की है, इसका वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें कुछ लोग कथावाचक मुकुट मणि और उनके साथी के साथ मारपीट करते नजर आ रहे हैं। मामला का है। कथावाचक ने कहा कि यादव होने की वजह से मेरे साथ मारपीट की गई है। पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
वायरल वीडियो में नजर आ रहा है कि कैसे क्षेत्रवासी कथावाचक पर एक महिला के पैर छूने का दबाव बनाते दिख रहे हैं. क्षेत्रवासियों की तरफ से भागवताचार्य की चोटी काटने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. घटनास्थल से जान बचाकर भागे पीड़ित भागवताचार्य अपने सहयोगियों व सांसद को लेकर एसएसपी ब्रजेश कुमार से मिले और दोषियों के विरुद्ध तहरीर दी.
इटावा के एसएसपी ने वायरल वीडियो का संज्ञान लिया है. एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस घटना के संबंध में केस दर्ज कर दिया गया है. इसके अलावा उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का भी भरोसा दिलाया है.
एसएसपी इटावा ने बताया कि, “गांववालों ने भागवताचार्य की जात को लेकर ऐतराज किया था. कहा जा रहा है कि कथा वाचक ने पहले खुद को ब्राह्मण बताया लेकिन बाद में वह यादव जाति के निकले. इटावा एसएसपी का कहना है कि जात को छिपाने को लेकर भागवताचार्य के साथ गांव वालों ने अभद्रता की और उनके बाल काटे.”
एसएसपी इटावा ने बताया कि तहरीर के आधार पर थाना पुलिस द्वारा चार लोगों की पहचान कर गिरफ्तारी की गई है, और अब उन्हें जेल भेजने की कार्यवाही की जा रही है. आरोपियों में आशीष पुत्र राजीव कुमार (21 वर्ष), उत्तम पुत्र प्रदीप (19 वर्ष), प्रथम उर्फ मनु पुत्र सयश कुमार (24 वर्ष) और निक्की पुत्र बृजेश (30 वर्ष) शामिल हैं। ये सभी बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव के रहने वाले हैं।
पीड़ितों, कथावाचक और उनके सहयोगी, का कहना है कि वह गांव में भागवत कथा करने आए थे. तभी यहां के ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने उनसे उनकी जाति पूछी. इस दौरान उन्होंने खुद को यादव बताया. फिर लोगों ने उन्हें बंधक बना लिया और उनकी पिटाई करनी शुरू कर दी. फिर इनके साथ जो-जो किया गया, वह सब वायरल वीडियो में दिख रहा है.
पीड़ितों का कहना है कि गांव के ब्राह्मणों ने उनसे कहा कि वह लोग ब्राह्मणों के गांव में कथा करने कैसे आ गए. पीड़ितों का साफ कहना है कि यादव होने की वजह से उनके साथ ये सब किया गया. यहां तक की भागवत कथा के दौरान जो महिला परीक्षित थी, उसके पैरों पर जबरन नाक रगड़वाई गई और महिला के मूत्र से हम पर छिड़काव भी किया गया.
मुकुट मणि यादव ने कहा, “इन्होंने नंबर लिया, हमारे बेटे से पूछा. बेटे के नाम में जैसे ही यादव सुना। इन्होंने कहा की यह तीन सौ देवी के ब्राह्मणों का गांव है. यादव होकर यहां भागवत करने आए हो. और इन्होंने हमें बहुत मारा. रात भर इन्होंने बहुत टॉर्चर किया. यहां तक की हमारे बाल काट दिए.”
कथावाचक के सहयोगी, संत सिंह यादव ने आरोप लगाया कि, “इन लोगों ने एक महिला का मूत्र हमारे ऊपर छिड़का. इसके बाद बोले ब्राह्मण का मूत्र तुम्हारे ऊपर पड़ गया अब तुम पवित्र हो गए.”
संत कुमार का कहना है कि हमने तो शुरू में ही सब कुछ बता दिया था, जब यहां आए तो कहा गया कि तुम्हारी हिम्मत कैसे पड़ गयी की ब्राह्मणों के गाँव में आने की। ब्राह्मणों के गाँव में तुम गद्दी पे बैठे हो.
मुकुट मणि ने बताया कि “मैं कथा वाचक हूं. गांव वालों ने मुझे बंदी बना लिया. मोबाइल छीन लिया. 25 हजार रूपए, एक जंजीर और चार अंगूठी ले ली थी. बाद में तीन अंगूठी वापस कर दी. लात घुसों से मारा और उसके बाद उन्होंने पैर छुवाए. पहले हमारे सहायक आचार्य जी की छोटी काटी फिर हमारी काटी. इसके बाद बजरंगबली के जयकारे लगाए. उसके बाद हमको वहां से निकाल दिया. वजह ये थी हम जाति के यादव हैं और उन्होंने कहा हमें ब्राह्मण वक्ता चाहिए तो मैंने कहा ये तो तुम पहले सोच लेते। पहले तो तुमने पूछी नहीं जाति, बाद में आपने जाति पूछी. जैसे ही उन्होंने हमारे मुंह से यादव सुना तो बोले ये गांव ब्राह्मणों का है. यहां आप कथा नहीं कह सकते हो.”
मुकुटमणि ने कहा कि पप्पू बाबा के साथ अतुल, डीलर, मनीष और लगभग 50 अज्ञात लोगों ने मुझे लात-घूसे, जूते और चप्पलों से पीटा। गांव वालों के सामने मेरा सिर मुंडवाया गया। परीक्षित (यजमान) बनी महिला के पैरों में जबरन नाक रगड़वाई गई। गांव के बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के जूतों पर सिर रखकर माफी मंगवाई गई। 25 हजार रुपए और एक सोने की चेन छीन ली। मुझे बेइज्जत करके गांव से भगा दिया गया। मेरा सारा सामान अभी भी उनके कब्जे में है।
हालांकि, SSP के आदेश पर कोतवाली में अतुल, मनीष, पप्पू बाबा और डीलर पर नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पीड़ित का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि, "इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई। हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुध्द किया गया अपराध है। सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ़्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुक़दमा दर्ज़ किया जाए। अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे। पीडीए के मान से बढ़कर कुछ नहीं!"
सपा सांसद जितेंद्र दोहरे ने बताया कि, “भागवताचार्य और उनके सहयोगियों के साथ जो व्यवहार किया गया, वह अमानवीय और संविधान के खिलाफ है। एसएसपी इटावा से मिलकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो सपा इस मुद्दे को संसद में उठाएगी।”
वहीं भीम आर्मी के संस्थापक, व नगीना लोकसभा क्षेत्र से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, "उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा, थाना बकेवर के अंतर्गत ग्राम दांदरपूरा में कल,दिनांक 22 जून 2025 को शाम लगभग 6 बजे बहुजन समाज के लोगों पर जाति पूछकर सुनियोजित हमला किया गया। हमले के दौरान बहुजन समाज के लोगों के साथ घोर मारपीट की गई,उनका सिर जबरन मुंडवा दिया गया,ज़मीन पर पैरों में सिर रखकर नाक रगड़वाई गई,एक महिला का मूत्र उनके शरीर पर छिड़का गया,पैसे ले लिए और 25,000 रूपए का "जुर्माना" लगाया गया। यह न सिर्फ शर्मनाक जातंकवादी हिंसा है, बल्कि बहुजन समाज के आत्मसम्मान, संविधान और मानवता पर एक सीधा हमला है। इसे किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि, “हम उतर प्रदेश सरकार से माँग करते हैं कि— सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और उन्हें बिना किसी राजनीतिक संरक्षण के सख्त सजा दी जाए। FIR में SC/ST Act की कठोर धाराएं लगाई जाएं। पीड़ितों को सरकारी सुरक्षा और कम से कम 10 लाख रूपए का मुआवज़ा दिया जाए। इस मामले की निगरानी हाई लेवल ज्यूडिशियल कमिटी द्वारा कराई जाए। भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) इटावा की टीम मौका ए वारदात से पीड़ितों के साथ है. यदि दो दिनों के भीतर इस अमानवीय जातिवादी हमले पर ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो बहुजन समाज संविधानिक ढंग से बड़ा जनांदोलन करने के लिए बाध्य होगा।शासन-प्रशासन को इसका संपूर्ण उत्तरदायित्व लेना होगा।"
आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा कि, "घोर अन्याय। ये आज़ादी के 78 साल बाद के भारत की स्थिति है। किस धर्म ग्रंथ में लिखा है की यादव कथावाचक नहीं हो सकता? मुटुक मणि सिंह यादव जी कथावाचक हैं, कथा पढ़ने के जुर्म में इनका सिर मुड़वा दिया गया, पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया। जाति के नाम पर भेदभाव इंसान के साथ जानवर जैसा व्यवहार यही है मनुवाद."