MP: गुना में मानसिक रूप से अस्वस्थ मजदूरों को बंधक बनाकर कराए जा रहे थे काम, प्रशासन ने 47 लोगों का किया रेस्क्यू

05:08 PM May 06, 2025 | Ankit Pachauri

भोपाल। मध्य प्रदेश के गुना जिले से एक बार फिर मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। चांचौड़ा क्षेत्र में मानसिक रूप से अस्वस्थ और असहाय लोगों को बंधक बनाकर खेतों, होटलों और ढाबों में काम कराने की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। जिला प्रशासन द्वारा "घर वापसी अभियान" के तहत जब गंभीरता से इस मामले की जांच की गई, तो हकीकत बेहद दर्दनाक निकली। सोमवार को चलाए गए विशेष अभियान के दौरान 47 मानसिक विक्षिप्त मजदूरों को दबंगों के कब्जे से छुड़ाया गया और उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया।

पांच टीमें गठित, खेतों और ढाबों पर मारी गई दबिश

चांचौड़ा उपखंड क्षेत्र में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल के निर्देश पर एसडीएम रवि मालवीय ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की। उन्होंने राजस्व विभाग, पुलिस, और नगरपालिका के अधिकारियों की संयुक्त पांच टीमें गठित कीं। शुक्रवार सुबह इन टीमों ने अलग-अलग स्थानों पर जाकर दबिश दी। जिन जगहों पर मजदूरों के बंधक बनाकर रखे जाने की सूचना मिली थी, वहां खेतों, ढाबों और होटलों की गहन जांच की गई।

कार्रवाई के दौरान कई मानसिक रूप से अस्वस्थ लोग खेतों में काम करते हुए पाए गए, जबकि कुछ ढाबों पर बर्तन धोते या सफाई करते मिले। इनसे काम तो लिया जा रहा था, लेकिन बदले में सिर्फ खाना दिया जाता था। घंटों लगातार मजदूरी कराई जाती थी। पहली ही कार्रवाई में प्रशासन ने 16 लोगों को रेस्क्यू किया।

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47 मजदूरों को छुड़ाया गया

सोमवार को प्रशासन ने चांचौड़ा क्षेत्र में “घर वापसी अभियान” के तहत एक बड़ा शिविर लगाया। बीनागंज पुलिस चौकी परिसर में लगाए गए इस शिविर में कुल 47 असहाय और मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को लाया गया। इनमें से कई लोगों को गुप्त रूप से अज्ञात लोगों द्वारा चौकी के बाहर छोड़ दिया गया था, जबकि कुछ को सड़क किनारे लावारिस हालत में छोड़ा गया था। आम नागरिकों की सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अमले ने उन्हें शिविर तक पहुंचाया।

स्वास्थ्य परीक्षण के बाद पुनर्वास की व्यवस्था

शिविर में पहुंचे सभी लोगों का सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इसके बाद जिला प्रशासन ने उन्हें शिवपुरी स्थित "अपना घर आश्रम" भेजने की व्यवस्था की, जहां उनके समुचित पुनर्वास की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। प्रशासन द्वारा सभी का रिकॉर्ड भी तैयार किया गया है, ताकि उनकी निगरानी की जा सके और भविष्य में उन्हें फिर से किसी शोषण का शिकार न होना पड़े।

शिवपुरी भेजे जा रहे इन लोगों से खुद कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बायपास पर मुलाकात की। उन्होंने सभी के स्वास्थ्य की जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन व्यक्तियों को आश्रम में समुचित देखभाल, उपचार और पुनर्वास मिले। पुलिस अधीक्षक अंकित सोनी भी इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल रहे।

प्रशासन की अपील

कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने आमजन से अपील की है कि यदि कहीं भी असहाय, मानसिक रूप से बीमार या मजबूर लोगों से अवैध रूप से काम करवाया जा रहा हो, तो उसकी जानकारी तत्काल प्रशासन या पुलिस को दें। उन्होंने कहा कि ऐसा करना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह मानवता के खिलाफ भी एक गंभीर अपराध है।