उत्तर प्रदेश। बस्ती जिले में सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) के पद पर तैनात आईएएस अफसर ने एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी) को भरी कांफ्रेंस में गाली देते हुए फटकार लगा दी। यही नहीं स्वास्थ्य अधिकारी की डिग्री को फर्जी करार भी दे दिया। बैठक में सीडीओ की गाली सुनने के बाद सीएमओ नाराज होकर उठे और चले गए। इसके बाद सीएमओ ने अपने विभाग के डॉक्टरों से बात की और समझौता नहीं होने का एलान कर दिया। सीएमओ के इशारे पर जनपद के सभी 14 सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों ने मंडल के आयुक्त अखिलेश सिंह से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराई और कार्रवाई की मांग की।
इस्तीफा देने वाले डाक्टरों द्वारा लिखे गए एक सामूहिक पत्र के मुताबिक बीते 5 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग की एक मीटिंग के दौरान यह घटना हुई। मुख्य विकास अधिकारी जयदेव द्वारा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ए एन त्रिगुट को अभद्र शब्द कहे गए थे। जिसके बाद अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ए एन त्रिगुट इतना आहत हुए कि उन्हें हार्ट का माइनर अटैक आ गया। आनन-फानन में उन्हें जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया। अस्पताल में उनका अभी इलाज चल रहा है। मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा किए गए इस दुर्व्यहार की बात आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते जिला अस्पताल में डॉक्टरों की भीड़ जमा होने लगी।
इस मामले में सीएमओ रमाशंकर त्रिपाठी ने साफ तौर पर कहा कि उनके साथ हुई घटना के विरोध में जनपद के सभी एमओआईसी अपना इस्तीफा देने जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भरे मीटिंग में सीडीओ ने उन्हें गाली दी है, एसीएमओ भी उस मीटिंग में मौजूद थे और उन्हें भी सीडीओ ने भला बुरा कहा है। जिसके बाद बस्ती स्वास्थ्य महकमे के सभी डॉक्टर और अधिकारी कमिश्नर से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। इस्तीफे की बात कहकर आयुक्त से सीएमओ ने प्रकरण में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सभी डाक्टरों के मुताबिक हाल ही में टाटा मेमोरियल द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के सिर्फ दो जिले- बस्ती तथा औरेया बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए चयनित किये गये थे। जिसके बाद जिलाधिकारी सम्मानित किया गया था। आरोप है कि लगभग सभी मीटिगों में जिसमें जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी मौजूद रहते हैं। इस दौरान अधिकारियों द्वारा अभद्र एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया जाता है। आरोप है कि भरी मीटिंग में उत्तर प्रदेश एवं पूर्वाचल के लोगों के लिए अपमानजनक शब्दों प्रयोग किया जाता है। छोटी-2 बातों पर आपा खो देते हैं। आरोप है कि सीडीओ द्वारा चिकित्साधिकारियों के एम०बी०बी०एस० डिग्रियों को फर्जी बताते हुये अपमानित किया जाता है।
पिछले चार महीने से मानसिक उत्पीड़न का लगाया आरोप
डाक्टरों का आरोप है कि बीते 4 माह से स्वास्थ्य विभाग के समस्त चिकित्साधिकारी मानसिक प्रताड़ना से गुजर रहे हैं। इस पूरे मामले को लेकर मंडल आयुक्त अखिलेश सिंह ने बताया कि सीएमओ अपने डॉक्टरों की टीम के साथ उनके पास आए थे, जिसमें उन्होंने सीडीओ द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने की बात कही है। मौखिक शिकायत करने पर उन्होंने सीएमओ से कहा कि लिखित शिकायत दीजिए तब वे आगे की कार्रवाई करेंगे।
वहीं इस घटना के बीच अचानक एसीएमओ को हार्ट अटैक आ गया और प्रकरण और भी गंभीर रूप ले लिया। जिला अस्पताल में आला अधिकारियों ने पहुंचकर एसीएमओ का हाल लिया। सीडीओ द्वारा सीएमओ के साथ किए गए दुर्व्यवहार की इस घटना ने जिला प्रशासन के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। एक आईएएस अधिकारी के द्वारा क्लास वन अफसर के साथ गलीगलौज करने की बात अब कोई आम नहीं रह गई है, पूरे जिले में सीडीओ की इस करतूत की चर्चा हो रही है। अब देखना होगा कि शासन स्तर से इस मामले में कोई एक्शन होता है या फिर आईएएस अधिकारी को बचाने के लिए मामले को मैनेज करने में कामयाबी मिलती है।