MP: रीवा में सड़क की बदहाली के कारण 90 वर्षीय बुजुर्ग को बांस पर लिटाकर पहुंचाना पड़ा अस्पताल

11:19 AM Aug 12, 2025 | Ankit Pachauri

भोपाल। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में सड़क की बदहाली एक बार फिर जानलेवा साबित हुई। गंगेव ब्लॉक के आलमगंज गांव में सोमवार को 90 वर्षीय बुजुर्ग को खराब सड़क के कारण एम्बुलेंस तक पहुंचाने के लिए परिजनों को बांस-बल्ली का सहारा लेना पड़ा। बुजुर्ग दर्द से कराहते हुए 2 किलोमीटर तक ऐसे ही ले जाए गए। परिजन और ग्रामीण इस घटना के लिए घटिया सड़क निर्माण और प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

घर तक नहीं पहुंच पाई एम्बुलेंस

परिजनों के मुताबिक, बुजुर्ग जमुना पाठक की तबीयत सुबह अचानक बिगड़ गई। उनका शुगर लेवल तेजी से गिर गया और ब्लड प्रेशर भी असामान्य हो गया। परिवार को डर था कि यह कार्डियक अटैक का मामला भी हो सकता है। परिजनों ने तुरंत एम्बुलेंस बुलवाई, लेकिन खराब सड़क और घुटनों तक कीचड़ की वजह से ड्राइवर ने वाहन घर से करीब 2 किलोमीटर पहले ही रोक दिया। मजबूर होकर परिवार ने बांस और बल्ली से एक अस्थायी स्ट्रेचर बनाया और बुजुर्ग को उसमें लिटाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया।

परिजन रमेश पाठक ने बताया कि समय पर इलाज न मिलने का डर परिवार को परेशान कर रहा था। “आजकल अचानक कार्डियक अटैक के मामले ज्यादा आ रहे हैं, हम घबरा गए थे। इसलिए किसी भी तरह उन्हें अस्पताल पहुंचाना जरूरी था,” उन्होंने कहा। बुजुर्ग को तुरंत संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत फिलहाल नाजुक बताई जा रही है।

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सड़क पर घुटनों तक कीचड़

स्थानीय निवासी शिवानंद द्विवेदी ने मीडिया को बताया कि आलमगंज गांव की सड़कें लंबे समय से जर्जर हैं। “बारिश में सड़क पर घुटनों तक पानी और कीचड़ भर जाता है, पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। चारपाई या स्ट्रेचर लेकर चलना तो और भी कठिन हो जाता है, क्योंकि पैर जमीन में धंसने लगता है। इसलिए बांस-बल्ली का सहारा लेना पड़ा,” उन्होंने कहा।

शिवानंद के मुताबिक, गांव में सड़क निर्माण का काम जारी था और उस पर मुरम और मिट्टी डाली गई थी, लेकिन घटिया गुणवत्ता के कारण बारिश में सड़क बह गई। “ठेकेदार की लापरवाही और खराब मटेरियल के इस्तेमाल की वजह से यह हाल हुआ। कुछ दिन पहले भी एक महिला की जान पर इसी कारण संकट आ गया था,”

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

घटना के बाद रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने जनपद सीईओ को सड़क की गुणवत्ता, निर्माण कार्य और ठेकेदार की भूमिका की जांच करने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की बात कही गई है।

पहले भी ये मामले आए!

बीते महीने में प्रदेश के डिंडौरी जिले में सड़क सुविधा के अभाव में एक बार फिर इंसानियत को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई थी। वायरल एक वीडियो में ग्रामीण एक बीमार व्यक्ति को खटिया पर लादकर कीचड़ भरे रास्तों से मुख्य सड़क तक ले जाते दिख रहे हैं। यह मामला समनापुर जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत मोहगांव के पोषक ग्राम मौहरी टोला का है।

मौहरी टोला में लगभग 20 परिवार रहते हैं, जो कई वर्षों से करीब साढ़े तीन किलोमीटर पक्की सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं। गांव मुख्य मार्ग से लगभग साढ़े तीन किलोमीटर दूर है और यह रास्ता पूरी तरह कच्चा है। बरसात में यह रास्ता दलदल और कीचड़ में बदल जाता है, जिससे न तो वाहन चल पाते हैं और न ही एंबुलेंस पहुंच पाती है। इस बार भी मरीज को ग्रामीणों ने खटिया पर रखकर तीन किलोमीटर दूर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया, जहां से एंबुलेंस मिली और मरीज को अस्पताल ले जाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार पंचायत और प्रशासन को शिकायत करने के बाद भी सड़क निर्माण नहीं हुआ है।

इसके पहले भी, ऐसा ही एक मामला पन्ना जिले के बरौंधा थाना क्षेत्र में भी सामने आया था। बरसात के दिनों में एक गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ गई। गांव तक जाने वाला कच्चा रास्ता पूरी तरह कीचड़ में बदल चुका था और एंबुलेंस गांव में प्रवेश नहीं कर पाई। मजबूर होकर परिजनों ने महिला को खटिया पर लादकर लगभग 2 किलोमीटर दूर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया। वहां पहुंचने के बाद ही महिला को एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया जा सका। इस दौरान प्रसव पीड़ा झेल रही महिला का दर्द देखकर ग्रामीण बेहद व्यथित हुए और प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी जताई।

इन तीनों मामलों में एक ही बात सामने आई कि सड़क न होने से आपातकालीन स्थिति में मरीजों की जान जोखिम में पड़ जाती है। बरसात में यह समस्या और भयावह हो जाती है, क्योंकि कच्चे रास्ते दलदल में बदल जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण के लिए बार-बार आवेदन और शिकायत करने के बावजूद प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।