MP में कोरोना के मामले बढ़े, लेकिन सरकारी लापरवाही बरकरार!

06:22 PM Jun 06, 2025 | Ankit Pachauri

भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा है। बुधवार और गुरुवार को प्रदेशभर में कुल 17 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं। इनमें से अकेले गुरुवार को 9 मरीज मिले। इंदौर में 5, जबकि भोपाल और ग्वालियर में 2-2 मरीजों की पुष्टि हुई है। इसके अलावा मंगलवार को भी भोपाल में एक केस सामने आया था, जिससे राजधानी में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 3 हो गई है। राज्य में अब तक कुल 50 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 13 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। फिलहाल प्रदेश में 36 मरीज एक्टिव हैं, और इनमें से 2 की हालत गंभीर होने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है।

जांच की सुविधा नहीं!

चौंकाने वाली बात यह है कि संक्रमण के इन मामलों के बावजूद प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक किट खरीदी के लिए रेट कॉन्ट्रैक्ट तय नहीं किया है। दरअसल, 2020 में आरटीपीसीआर किट की खरीद के लिए जो दरें तय की गई थीं, उनकी अवधि 2023 में समाप्त हो चुकी है। 2024 में संक्रमण के मामले नहीं होने के कारण किट की जरूरत महसूस नहीं हुई, लेकिन अब जब मरीज सामने आ रहे हैं, तो सरकारी अस्पतालों में न तो जांच किट हैं और न ही जांच की सुविधा।

कोविड आरक्षित वार्ड नहीं

स्थिति यह है कि सरकारी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए कोई विशेष वार्ड या बेड आरक्षित नहीं किए गए हैं। नतीजतन मरीजों को मजबूरन निजी लैब में जांच करानी पड़ रही है, जहां एक आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए 1200 से 1500 रुपए तक खर्च करना पड़ रहा है। यह खर्च गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए भारी पड़ रहा है।

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हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऑक्सीजन प्लांट्स की जांच शुरू की गई है, लेकिन अस्पतालों में कोरोना से निपटने के लिए कोई ठोस इंतजाम जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहे। कोविड के पिछले अनुभवों के बावजूद प्रशासन की तैयारियों में गंभीरता की कमी साफ नजर आती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही इस बार संक्रमण की तीव्रता पहले जैसी न हो, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है। यदि सरकार ने समय रहते जांच सुविधाएं बहाल नहीं कीं और अस्पतालों को अलर्ट मोड पर नहीं लाया गया, तो संक्रमण और फैल सकता है।

प्रदेश में अब तक कुल 50 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 13 ठीक हो चुके हैं और 36 मरीज फिलहाल सक्रिय हैं। दो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। सरकारी अस्पतालों में न जांच हो रही है, न इलाज की समुचित व्यवस्था है। ऐसे में आम जनता फिर एक बार सरकारी उदासीनता की कीमत चुका रही है।

स्वास्थ्य विभाग का दावा, तैयारी पूरी!

भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. प्रभाकर तिवारी ने द मूकनायक से बातचीत में कहा कि कोरोना वायरस अब हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि ज़रूरत है सिर्फ़ सावधानी बरतने की। अगर किसी में कोविड के लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत अस्पताल जाकर डॉक्टर्स से परामर्श लेना चाहिए।

डॉ. तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता को घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि विभाग ने सभी जरूरी व्यवस्थाएं पहले से सुनिश्चित कर रखी हैं।