+

MP में अगले पांच वर्षों में राज्य सरकार देगी 2.5 लाख सरकारी नौकरियां, बैकलॉग के 1.40 लाख पद वर्षों से रिक्त

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में युवाओं को रोजगार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अगले पांच वर्षों में 2 लाख 50 हजार सरकारी नौकरियों के सृजन और भर्ती का संकल्प लिया है। इसके तहत प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पूर्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं। हर साल एक सरकारी परीक्षा कैलेंडर जारी किया जाएगा, ताकि भर्ती प्रक्रिया व्यवस्थित और पारदर्शी हो। लेकिन, इस आदेश के बाद कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर युवाओं के साथ छल करने का आरोप लगाया है। अनुसूचित जाति और जनजाति युवाओं के बैकलॉग पदों के रिक्त होने से विपक्ष ने सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने संकल्प पत्र 2024 में युवाओं को रोजगार के अवसर देने का वादा किया था। इस दिशा में तेजी से काम करते हुए भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि भर्ती की सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूरी कर ली जाएंगी और युवाओं को सरकारी नौकरियों में सेवा करने का अवसर मिलेगा।

उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी करें, ताकि वर्षवार पदपूर्ति प्रक्रिया में कोई बाधा न आए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे पहले जारी किए गए सामान्य प्रशासन विभाग के सभी निर्देश और आदेश अब निष्प्रभावी माने जाएंगे। हालांकि, जिन पदों पर 30 अक्टूबर 2024 तक भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, वे आदेश निरस्त नहीं होंगे।

कांग्रेस का सरकार पर आरोप

इस मामले में कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, यह पहली बार नहीं है जब भाजपा सरकार ने नौकरियों के आश्वासन के नाम पर आदेश जारी किए हैं," कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बारोलिया ने द मूकनायक से बातचीत में कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ युवाओं को गुमराह करने का काम कर रही है।

बारोलिया ने कहा, "सरकार एक तरफ रोजगार देने की बात करती है, लेकिन दूसरी तरफ युवाओं को उनके हक से वंचित किया जा रहा है। परीक्षा घोटालों, पेपर लीक और खाली पदों पर नियुक्ति न होने जैसी समस्याएं सरकार की नीयत को उजागर करती हैं।"

उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा सरकार की नीतियां युवाओं को निराशा की ओर धकेल रही हैं। "यह सिर्फ कागज़ों तक सीमित योजनाएं हैं, जिनका ज़मीनी स्तर पर कोई असर नहीं है," बारोलिया ने कहा।

1.40 लाख बैकलॉग पदों पर भर्ती लंबित

प्रदेश के विभिन्न विभागों में अनुसूचित जाति और जनजाति के बैकलॉग पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं। अनुमान के अनुसार, राज्य में करीब 1 लाख 40 हजार बैकलॉग पद खाली हैं, जिनमें सबसे अधिक पद शिक्षा विभाग में हैं। शिक्षक पात्रता परीक्षा के वर्ग 1, वर्ग 2 और वर्ग 3 के लिए लगभग 40 हजार पद खाली हैं। इसके अलावा, सामाजिक न्याय, महिला बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, और पंचायत ग्रामीण विकास विभाग में भी हजारों की संख्या में पद रिक्त हैं।

द मूकनायक प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए अनुसूचित जाति कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने कहा, "यह सरकार केवल वादों और घोषणाओं में विश्वास रखती है। अनुसूचित जाति और जनजाति के बैकलॉग पदों पर भर्ती करना तो दूर, इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बैकलॉग पदों पर भर्ती नहीं होने से हजारों युवाओं का भविष्य अंधकार में है। शिक्षक और अन्य विभागों में भारी रिक्तियों के बावजूद सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। यह केवल सामाजिक न्याय और समान अवसर की अवधारणा का मजाक है। हमारी मांग है कि सरकार तत्काल बैकलॉग पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करे। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो हम आंदोलन करने को मजबूर होंगे।"

भाजपा का पलटवार: "कांग्रेस के पास कोई काम नहीं, सिर्फ आरोप लगाती है"

कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार पर लगाए गए आरोपों के बाद, भाजपा ने जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के पास अपना कोई एजेंडा नहीं है और वह सिर्फ आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने दावा किया कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग के विकास और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

कर्मचारी चयन मंडल को सौंपा गया कार्य

सीधी भर्ती की प्रक्रिया का संचालन मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल, एमपीपीएससी, और अन्य संस्थाओं के माध्यम से किया जाएगा। जिन पदों के लिए नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, या नियुक्ति पत्र जारी होना बाकी है, उन्हें भी जल्द पूरा किया जाएगा। 5% पदों को प्रशासकीय विभाग के अंतर्गत ही रखा गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर विभाग सीधी भर्ती कर सके।

रिक्त पदों की गणना का आधार

रिक्त पदों की गणना 1 अप्रैल 2024 की स्थिति के अनुसार की जाएगी। इसमें ध्यान दिया जाएगा कि, ऐसे पद, जिनकी प्रक्रिया पहले से कर्मचारी चयन मंडल या अन्य संस्थाओं के माध्यम से प्रचलन में है, गणना में शामिल नहीं किए जाएंगे। पिछड़ा वर्ग के लिए रोके गए 13% पद भी रिक्त पदों की गणना में नहीं जोड़े जाएंगे।

चरणबद्ध तरीके से होगी पदपूर्ति

रिक्त पदों की संख्या के आधार पर भर्ती प्रक्रिया को चरणों में बांटा गया है।

1 से 50 पद वाले संवर्ग, 50% पद 2024-25 में और बाकी 50% पद 2025-26 में भरे जाएंगे।

51 से 200 पद वाले संवर्ग, तीन चरणों में पदपूर्ति होगी:

2024-25: 8%

2025-26: 46%

2026-27: 46%

200 से अधिक पद वाले संवर्ग, पदों की संख्या के प्रतिशत के आधार पर वर्षवार भर्ती की जाएगी।

25% से कम रिक्तियां: एक बार में भर्ती।

25% से 50% रिक्तियां: तीन चरणों में।

50% से अधिक: चार चरणों में।

डाईंग संवर्ग में नहीं होगी भर्ती

राज्य शासन ने स्पष्ट किया है कि डाईंग संवर्गों (जिन्हें समाप्त किया जाना है) में किसी प्रकार की भर्ती नहीं की जाएगी।

आउटसोर्सिंग से होगी भर्ती

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए आउटसोर्सिंग का विकल्प अपनाया जाएगा। जिन विभागों को इन पदों पर सीधी भर्ती की आवश्यकता है, उन्हें वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी।

सरकार के इस फैसले से युवाओं को उम्मीद

राज्य सरकार के इस निर्णय से लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी का सपना पूरा होने की उम्मीद जगी है। राज्य के अलग-अलग विभाग अब तेजी से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने युवाओं से विश्वास बनाए रखने की अपील की है।

भर्ती प्रक्रिया में कैडर मैनेजमेंट और आरक्षण प्रावधानों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। सरकार ने सुनिश्चित किया है कि प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरी हो। यह फैसला राज्य में बेरोजगारी दर को कम करने और सरकारी सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। लेकिन बैकलॉग पदों की संख्या बढ़ना, परीक्षा में गड़बड़ी भी एक बड़ी समस्या है।

facebook twitter